‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने साथ झांसी की रानी की तलवार भी लेकर आएं’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 नवंबर को वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस पर झांसी आएंगे और उसी दिन उनका महोबा में..

‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने साथ झांसी की रानी की तलवार भी लेकर आएं’

  • उसी दिन प्रधानमंत्री का महोबा में आनें का कार्यक्रम भी प्रस्तावित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 नवंबर को वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस पर झांसी आएंगे और उसी दिन उनका महोबा में आनें का कार्यक्रम भी प्रस्तावित है। इस बीच यहां एक मुहिम चलाई जा रही है कि 19 नवंबर को रानी की जयंती पर झांसी आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने साथ रानी की तलवार भी लाएं। उधर प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है।

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प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान किले के इर्दगिर्द का दो किलोमीटर तक का इलाका तीन दिनों तक कड़े सुरक्षा घेरे में रहेगा। जबकि, आयोजन वाले दिन किले के आसपास से गुजरने वालीं सड़कों पर परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा। सुरक्षा इंतजामों को लेकर गत दिवस सेना और पीएमओ से आई टीम ने प्रशासन के स्थानीय अधिकारियों के साथ आयोजन स्थल का जायजा लिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 नवंबर को वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस पर झांसी आएंगे। शाम पांच से सात बजे तक वे यहां रहेंगे। उनका हेलिकॉप्टर किले की तलहटी में स्थित क्राफ्ट मेला ग्राउंड में उतरेगा। यहां से वे सीधे रानी के किले में जाएंगे। यहां रानी की गौरवगाथा पर आधारित लाइट एंड साउंड शो देखेंगे और किले का भ्रमण भी करेंगे। इसके बाद वे किले के मैदान में आकर यहां होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। 

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  • आयोजन स्थल के पास नहीं होंगे वैवाहिक कार्यक्रम

आयोजन स्थल किले के मैदान सटा एक विवाह घर स्थित है, जिसमें 19 नवंबर और इस तिथि के आगे-पीछे भी शादियां होनी हैं। लेकिन, प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान उच्च स्तरीय सुरक्षा बंदोबस्त होने की वजह से 11 से 21 नवंबर तक शादियों की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस संबंध में नगर निगम की ओर से विवाह घर संचालक को नोटिस जारी किया जा रहा है।

वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई (Veerangana Maharani Laxmibai)

  • झांसी की अमानत है रानी की तलवार 

अंग्रेजों से युद्ध लड़ते हुए 18 जून 1858 को वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई ने ग्वालियर में वीरगति प्राप्त की थी। जिस तलवार से उन्होंने फिरंगी सेना के दांत खट्टे किए थे, वो आज भी ग्वालियर के संग्रहालय में रखी हुई है। स्थानीय लोगों द्वारा ग्वालियर से तलवार को वापस लाने के लिए मुहिम चलाई जा रही है, जिसका हिस्सा बनकर विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों व जन सामान्य के लोगों ने बुधवार को प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन भेजा है जिसमें लोगों ने मांग रखी कि 19 नवंबर को रानी की जयंती पर झांसी आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने साथ रानी की तलवार भी लाएं। इसके अलावा रानी की जयंती को ‘नारी शक्ति दिवस’ घोषित करते हुए राष्ट्रीय पर्व घोषित किया जाए। साथ ही झांसी रेलवे स्टेशन का नामकरण झांसी के नाम पर किया जाए।

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  • दरियादिली दिखाते हुए एमपी सरकार रानी की तलवार वापस करे

रानी की तलवार ग्वालियर से झांसी लाने के लिए चलाई जा रही मुहिम का लगातार लोग हिस्सा बनते जा रहे हैं। उनका कहना है कि रानी की तलवार झांसी की अनमोल अमानत है। मध्य प्रदेश सरकार को दरियादिली दिखाते हुए खुद आगे बढ़कर इसे लौटाना चाहिए।प्रधानमंत्री झांसी आकर रानी जयंती की एक बड़ी परंपरा की नींव रखने जा रहे हैं। ऐसे मौके पर झांसी को रानी की तलवार वापस मिल जाए तो इससे बड़ा उपहार और कोई नहीं हो सकता।

वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई (Veerangana Maharani Laxmibai)

  • मुख्यमंत्री के आगमन से पहले दुरुस्त होंगी व्यवस्थाएं

प्रधानमंत्री के आगमन से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 17 नवंबर को झांसी आ सकते हैं। इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी आएंगे। इसे देखते हुए बिजली विभाग उनके आगमन से पहले सभी तैयारियों को दुरुस्त कर लेगा। इवेंट प्लानर के दिशा निर्देश के अनुसार ही बिजली की व्यवस्थाएं बनाई जाएंगी।

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