अब कानपुर में नहीं लेट होंगी ट्रेंने, तुरन्त मिलेगा ग्रीन सिग्नल
कानपुर लोको स्टेशन का सिग्नलिंग प्रणाली इलेक्ट्रोमैकेनिकल जहां इंटरलॉकिंग पर आधारित है वहीं अब रेलवे इसे बदलकर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग पर आधारित करने जा रहा है...
कानपुर, (हि. स.)
- कोरोना काल मे सिग्नल व दूरसंचार विभाग का कार्य बनेगा मील का पत्थर
जो अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इस नए आधुनिक सिग्नल प्रणाली में परिवर्तित करने के लिए सिगनलिंग और दूरसंचार विभाग के कर्मचारी दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं। जिससे स्टेशन पर लगाए जा रहे इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का कार्य का कमीशनिंग इस अक्टूबर तक समय से पूरा किया जा सके।
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प्रयागराज से दिल्ली जाने वाली जिन ट्रेनों का ठहराव कानपुर स्टेशन पर नहीं था उनको कानपुर लोको चंदा री रूट से बाईपास कर दिया जाता था। ऐसे महत्वपूर्ण स्टेशन के सिगनलिंग सिस्टम का आधुनिकीकरण लंबे समय से अपेक्षित चल रहा था। जिसके बाद अब इसे इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग आधार पर शुरू किया जाएगा इससे रेल परिचालन के समय की पाबंदी और सुरक्षा दोनों को बेहतर करने के लिए सिगनलिंग सिस्टम में लगातार सुधार किया जा रहा है।कानपुर लोको केबिन का इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का कार्य भी तेजी से शुरू हो गया और इसी माह पूरा कर लिया जाएगा।
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यह सभी कार्य प्रयागराज मंडल के सिग्नल और दूरसंचार विभाग द्वारा सिगनलिंग उपकरणों के आधुनिकीकरण के तहत किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक नई इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग 120 रूट की होगी कानपुर लोको स्टेशन से चंदा री ,नए कोचिंग कॉन्प्लेक्स ,एआरटी. साइडिंग और बुलडोजर सेटिंग के लिए ट्रेन परिचालन अब पेपर लाइन क्लियर की जगह सिग्नल के माध्यम से किया जाएगा जिससे ट्रेन का सुरक्षित परिचालन संभव किया जा सके इसी कार्य के दौरान डीएमयू कार शेड को कानपुर लोको स्टेशन के साथ जोड़ा जा रहा है कोरोना काल मे सिग्नल व दूरसंचार विभाग का यह कार्य कानपुर के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
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