महोबा : मुर्दों के खिलाफ जारी हुये नोटिस, किया जायेगा भूमि से बेदखल

उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है जिसमें सिंचाई विभाग के अधिकारियों / कर्मचारियों के द्वारा उर्मिल बांध..

महोबा : मुर्दों के खिलाफ जारी हुये नोटिस, किया जायेगा भूमि से बेदखल
मुर्दों के खिलाफ जारी हुये नोटिस किया जायेगा भूमि से बेदखल..

उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है जिसमें सिंचाई विभाग के अधिकारियों / कर्मचारियों के  द्वारा उर्मिल बांध की भूमि पर अवैधानिक तरीके से  काबिज़  आठ से अधिक मुर्दों (मृत ब्यक्तियो) के खिलाफ नोटिस जारी कर उन्हें सरकारी जमीन से बेदखल करने के लिए पुलिस से मदद  माँगी जाने का मामला प्रकाश में आया है ।

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  • इस मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को मिलते ही प्रशाशनिक अमले  से हड़कम्प मच गया है।

अपर पुलिस अधीक्षक आर0 के0 गौतम ने बताया कि शनिवार को श्रीनगर के थाना दिवस में सिंचाई प्रखंड के सींचपाल गगन प्रताप सिंह व सींच पर्यवेक्षक सोहन लाल द्वारा पुलिस को 155 किसानों की सूची सौंप उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही किये जाने का अनुरोध किया गया है।

पिपरामाफ गांव के इन सभी किसानों पर सिंचाई विभाग के आधिपत्य वाली उर्मिल बांध की करीब 1200 एकड़ भूमि में अवैधानिक तरीके से कब्जा कर उसमें जबरन कृषि कार्य किये जाने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने इस मामले में अपनी जांच पड़ताल शुरू की है। लेकिन सूची की प्रथम दृष्टया पड़ताल में आठ से दस ऐसे किसानों का नाम चिन्हित किये गए है जिनकी मौत काफी समय पहले हो चुकी है। इससे मामले में नया विवाद खड़ा हो गया है और आक्रोशित किसान संघर्ष के मूड में है। 

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पिपरामाफ के एक जागरूक किसान व सामाजिक कार्यकर्ता जनक सिंह परिहार ने बताया कि विवाद की जड़ में यहां सिंचाई विभाग के कर्मचारियों की अनियमितताए व भ्रष्टाचार है। उर्मिल बांध में वर्ष 2017 में विभाग द्वारा 45 किसानों को कृषि कार्य हेतु पांच साल के लिए भूमि के पट्टे आवंटित किए गए थे। किसानों के मुताबिक सुविधा शुल्क देने के बावजूद भी उन्हें पट्टों पर आज तक कब्जा नही मिला।

इस सम्बंध में किसानों की सिंचाई कर्मियों से कहासुनी हुई तो उन्होंने नया मामला गढ़कर तैयार कर दिया। उन्होंने कहा कि अस्सी के दशक में उर्मिल बांध के निर्माण के दौरान भूमि अधिग्रहण के वक्त विभाग द्वारा इलाकाई किसानों से एक मुहायदा किया गया था। जिसमे पानी से रिक्त होने पर बांध की भूमि का उन्हें कृषि कार्य हेतु इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई थी। तब से किसान यहां खेती भी करते आ रहे है। उनका किसी से कभी कोई विवाद नही हुआ।

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जनक सिंह ने कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा कानूनी कार्यवाही किये जाने की खबर से किसानो में भारी आक्रोश पनप उठा है। सिंचाई विभाग की सूची के जवाब में उन्होंने भी पुलिस को एक तहरीर सौपी है जिसमे मृत किसानों के शामिल किये गए नामो का हवाला दे उसे मनगढ़ंत व बेबुनियाद करार दिया है।

किसानों का कहना है कि सिंचाई विभाग इस प्रकार से उनके खिलाफ सुनियोजित उत्पीड़नात्मक कार्यवाही का षड्यंत्र रच रहा है। जिसे कतई बर्दाश्त नही किया जाएगा। मामले में किसान चुप नही बैठेंगे बल्कि इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे। उधर उप जिलाधिकारी सदर मो0 अवेश ने बताया कि तहसीलदार बालकृष्ण को उक्त प्रकरण सौपकर जांच कराई जा रही है। किसानों का किसी भी प्रकार से उत्पीड़न नही होने दिया जाएगा।

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