नही..नही ये न करें, यह करना खुद के साथ दूसरों की सेहत के लिए भी खतरनाक है
धूम्रपान से जुड़ी समस्याओं के बारे में जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष मार्च के दूसरे बुधवार को नो स्मोकिंग डे मनाया जाता..
बांदा,
- नो स्मोकिंग डे (09 मार्च) पर विशेष
धूम्रपान से जुड़ी समस्याओं के बारे में जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष मार्च के दूसरे बुधवार को नो स्मोकिंग डे मनाया जाता है। इस बार यह दिवस 9 मार्च को मनाया जाना है। लोगों को इस बात के बारे में जागरूक करना जरूरी है कि धूम्रपान करना खुद के साथ दूसरों की सेहत के लिए भी खतरनाक है।
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शहर के इंद्रानगर के रहने वाले रहीम अहमद (32) पेशे से सिपाही हैं। करीब 12 साल पहले उन्हें सिगरेट की लत लग गई थी। पहले शौक फिर आदत बन गई। इससे उनके मुंह में सफेद दाग होने लगे। शुरूआत में ध्यान नहीं दिया। उन्हें मुंह का कैंसर हो गया। जानकारी हुई तो इलाज लेना शुरू किया। डॉक्टरों ने उनकी जिंदगी बचा ली, लेकिन इलाज अभी तक चल रहा है। कैंसर के कारण कामकाज प्रभावित हुआ, इलाज पर लाखों रुपये खर्च हुए। इससे परिवार को भी परेशान होना पड़ा। उनका कहना है कि कोई भी शौक जिंदगी से बढ़कर नहीं है।
एनसीडी के नोडल अधिकारी/एसीएमओ डा. आरएन प्रसाद का कहना है कि यह सभी जानते है कि धूम्रपान नुकसानदेह है। यह मनुष्य के शरीर में हजारों रसायनों को छोड़ता है। इसका असर फेफेड़ों के साथ दिल व शरीर के अन्य अंगों पर भी पड़ता है। उन्होंने बताया कि कई सालों से धूम्रपान करने वालों को नशा छोड़ना मुश्किल हो जाता है। हालांकि यदि मन में ठान लिया जाए तो सिगरेट छोड़ी जा सकती है। सिगरेट छोड़ने के बाद एक सप्ताह महत्वपूर्ण होता है। अगर हफ्ते भर ध्रूमपान नहीं किया तो आप पूरी तरह से धूम्रपान छोड़ सकते हैं। तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के सलाहकार डा. रामवीर सिंह का कहना है कि इस बार 516 लोगों की काउंसलिंग की गई। इसमें 85 लोगों ने नशे से मुक्ति भी पा ली। लगातार तंबाकू जागरुकता को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
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