कथा व्यास ने श्रीकृष्ण और सुदामा मित्रता की कथा का श्रोताओं को कराया रसपान

धर्मनगरी के श्री बूडे हनुमान मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम दिवस पर कथा व्यास ने श्रीकृष्ण और सुदामा...

कथा व्यास ने श्रीकृष्ण और सुदामा मित्रता की कथा का श्रोताओं को कराया रसपान

चित्रकूट। धर्मनगरी के श्री बूडे हनुमान मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम दिवस पर कथा व्यास ने श्रीकृष्ण और सुदामा मित्रता की कथा का रसपान श्रोताओं को कराया।

कथा व्यास मनोज महाराज ने बताया कि एक बार भगवान श्रीकृष्ण से द्वारपाल ने कहा कि कोई उनसे मिलने आया है। द्वारपाल ने बताया कि सुदामा नाम बता रहे हैं। कृष्ण ने सुदामा को देखकर उन्हें अपने सीने से लगा लिया। दोनों की ऐसी मित्रता देखकर सभा में बैठे सभी लोग अचंभित हो गए। कृष्ण ने सुदामा को अपने राज सिंहासन पर बैठाया। चरणारबिन्दो को अपने अश्रुओ से धुलकर उन्हें कुबेर का धन दिया। उन्होंने कहा है कि राजा परीक्षित ने व्यास पुत्र शुकदेव मुनि से भागवत कथा सुनने की मांग की थी। शुकदेव जी ने परीक्षित को सात दिन तक भागवत कथा सुनाई थी। भागवत कथा पौराणिक कथा है और हिंदू धर्म में इसकी बहुत महिमा है। भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीष, अषाढ़ और श्रावण के महीनों में भागवत कथा सुनने से मोक्ष की प्राप्ति आसान होती है। इस कथा को सभी वेदों का सार माना जाता है। कथा पश्चात आरती व प्रसाद वितरण किया गया। 

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