झांसी : “डॉ. पं. विश्वनाथ शर्मा बुन्देलखण्ड हेरिटेज इंस्टीट्यूट” का शिलान्यास

बुन्देलखण्ड के समृद्ध इतिहास और संस्कृति को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए स्व. डा० पं. विश्वनाथ...

झांसी : “डॉ. पं. विश्वनाथ शर्मा बुन्देलखण्ड हेरिटेज इंस्टीट्यूट” का शिलान्यास

यह संस्थान बुन्देलखण्ड के इतिहास और संस्कृति पर शोध और अध्ययन को बढ़ावा देगा : सांसद अनुराग शर्मा  

झाँसी, बुन्देलखण्ड के समृद्ध इतिहास और संस्कृति को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए स्व. डा० पं. विश्वनाथ शर्मा जी की 84 वीं जयन्ती के अवसर पर पंव विश्वनाथ शर्मा हिन्दू धर्मार्थ न्यास के तत्वावधान में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय परिसर, झांसी में डा० पंव विश्वनाथ शर्मा ‘बुन्देलखण्ड हेरिटेज इन्स्टीट्यूट’ का शिलान्यास झाँसी ललितपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद अनुराग शर्मा द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद अनुराग शर्मा ने की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय उपस्थित रहे।

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इस अवसर पर सांसद अनुराग शर्मा ने कहा कि डॉ. पं. विश्वनाथ शर्मा बुन्देलखण्ड हेरिटेज इंस्टीट्यूट बुन्देलखण्ड के गौरवशाली अतीत और समृद्ध संस्कृति को संरक्षित और संवर्धित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि यह संस्थान बुन्देलखण्ड के इतिहास और संस्कृति पर शोध और अध्ययन को बढ़ावा देगा और युवाओं को इस क्षेत्र की विरासत से अवगत कराएगा। उन्होंने बताया कि इस संस्थान का निर्माण पंव विश्वनाथ शर्मा हिन्दू धर्मार्थ न्यास द्वारा किया जा रहा है। संस्थान में बुन्देलखण्ड के इतिहास, संस्कृति, कला, साहित्य, संगीत और लोक संस्कृति पर शोध और अध्ययन के लिए एक पुस्तकालय, नक्षत्र वाटिका, प्रदर्शनी हॉल और एक संगोष्ठी कक्ष होगा। संस्थान के प्रस्तावित पाठ्यक्रमों में बुन्देलखंडी इतिहास, बुन्देलखंडी लोकगीत, बुन्देली भाषा बुन्देलखंडी संस्कृति, बुन्देलखंडी स्मारक, बुन्देलखंडी पर्यटन एवं व्यंजन, बुन्देलखंडी वास्तुकला, बुन्देलखंडी साहित्य, बुन्देलखंडी हस्थशिल्प कला आदि विधाओं में डिग्री, डिप्लोमा कोर्स की मान्यता रहेगी।

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कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि बुंदेलखंड विश्विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय ने कहा कि पंडित विश्वनाथ शर्मा बुंदेलखंड हेरिटेज इंस्टीट्यूट का बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी में स्थापित होना मील का पत्थर साबित होगा। यह एक ऐसा संस्थान होगा जो बुन्देलखण्ड की समृद्ध विरासत को जीवित रखेगा। साथ ही, बुन्देलखण्ड के युवाओं को अपने क्षेत्र की समृद्ध विरासत से जोड़ेगा। एनईपी 2020 स्वदेशी ज्ञान और परम्परा को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार से प्राप्त दिशानिर्देशों के अनुसार सभी पाठ्यक्रमों में भारतीय ज्ञान परम्परा (आईकेएस) को शामिल किया जाना अनिवार्य है।

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संसथान के प्रस्तावित पाठ्यक्रम में बुन्देलखंडी इतिहास, बुन्देलखंडी लोकगीत, बुन्देली भाषा बुन्देलखंडी संस्कृति, बुन्देलखंडी स्मारक, बुन्देलखंडी पर्यटन एवं व्यंजन, बुन्देलखंडी वास्तु कला, बुन्देलखंडी साहित्य, बुन्देलखंडी हस्थशिल्प कला आदि विधाओं में डिग्री, डिप्लोमा कोर्स की मान्यता रहेगी।इस इंस्टीट्यूट में संचालित होने वाले पाठ्यक्रम एक तरफ बुंदेलखंड के विद्यार्थियों को अपनी लोक कला, संस्कृति और अपनी ज्ञान परम्परा, अपने इतिहास, संस्कृति, भाषा, रीति रिवाज, परंपरा, पर्यटन और व्यंजन को समझने में सहायक सिद्ध होगी। दूसरी तरफ भारतीय ज्ञान परंपरा में बुंदेलखंड के योगदान पर गर्व महसूस करेंगे।

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इसके पूर्व स्वर्गीय पंडित विश्वनाथ शर्मा के जीवन वृत पर आधारित डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शित की गई। डॉ सोमा अनिल मिश्रा ने बताया कि बुंदेलखंड हेरीटेज इंस्टीट्यूट भवन पर्यावरण एवं ऊर्जा संरक्षण को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा। इसके अंतर्गत दर्शक दीर्घा, विभिन्न लोक माध्यमों के लिए कार्यशालाओं, कलाकारों के लिए रुकने का स्थान आदि का निर्माण किया जाएगा। संचालन प्रो मुन्ना तिवारी एवं डॉ अचला पांडे ने किया।

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इस मौके पर रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एके सिंह, मऊरानीपुर विधायक रश्मि आर्या, नगर आयुक्त पुलकित गर्ग, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विभाग प्रचारक अखंड प्रताप, जिला पंचायत अध्यक्ष पवन गौतम, पूर्व महापौर रामतीर्थ सिंगल, पूर्व मंत्री रतनलाल अहिरवार, पूर्व विधायक कृष्ण पाल राजपूत,श्रीमती अनुराधा शर्मा, वीरांगना फाउंडेशन के अध्यक्ष श्रीमती पूनम शर्मा जी, श्रीमती शालिनी भार्गव जी, श्रीमती नेहा शर्मा, कुलसचिव विनय कुमार सिंह, वित्त अधिकारी वसी मोहम्मद, परीक्षा नियंत्रक राज बहादुर, अभिनव गौड , प्रकाश गुप्ता, प्रदीप सरावगी, मुकेश मिश्रा, जमुना प्रसाद कुशवाहा, जयदेव पुरोहित वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र सिंह, संजय दुबे सुबोध गुरबेल, प्रो एसपी सिंह, प्रो सुनील काबिया, प्रोफेसर अर्चना वर्मा, प्रो पूनम पुरी, प्रो आरके सैनी, प्रो देवेश निगम, प्रो डीके भट्ट प्रो, मुन्ना तिवारी, प्रो पुनीत बिसारिया, प्रो सौरभ श्रीवास्तव, अनिल बोहरे, अतुल खरे के साथी बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के अनेक शिक्षक छात्र एवं शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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