जल रोधक बांध के कार्य में कमी देख डीएम सख्त, रिकवरी के दिए निर्देश
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण, मिट्टी कटाव रोकथाम एवं स्थानीय जल संचयन को बढ़ावा...

जालौन। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण, मिट्टी कटाव रोकथाम एवं स्थानीय जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए बनाए जा रहे जल रोधक बांधों की गुणवत्ता पर जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने कड़ा रुख अपनाया है।
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जिलाधिकारी गुरुवार को ग्राम हरदोई राजा व बीरपुरा में हो रही वर्षा के बीच ग्राम पंचायत एवं क्षेत्र पंचायत द्वारा निर्मित बांधों का स्थलीय जायजा लेने पहुंचे। इस दाैरान बारिश के पानी से भरे खेतों के बीच पैदल चलकर निर्माण कार्य की वास्तविकता काे देखने जाना डीएम की कार्यप्रणाली की संवेदनशीलता और सजगता को दर्शाता है। निरीक्षण में पाया गया कि बांध निर्माण कार्य निर्धारित तकनीकी मानकों के अनुरूप नहीं किया गया है। यह बांध वर्षा जल को निचले इलाकों में बहने से रोकने, मिट्टी के कटाव को कम करने एवं जल संचयन के लिए निर्मित किया गया था, लेकिन इसकी गुणवत्ता संतोषजनक नहीं पाई गई।
जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करते हुए कार्य को शीघ्र पूरा कराने और रिकवरी की कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्हाेंने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार के जल प्रबंधन व आपदा सुरक्षा मिशन में किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने भविष्य में सभी निर्माण कार्यों को गुणवत्ता व पारदर्शिता के साथ संपन्न कराने के निर्देश भी दिए।
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इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी केके सिंह, डीसी मनरेगा रामेन्द्र सिंह, खण्ड विकास अधिकारी प्रशांत सहित सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार
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