हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित कराने का जगद्गुरु ने लिया संकल्प
जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित 72वें हिन्दी दिवस समारोह की अध्यक्षता...
हिन्दी भाषा में संप्रेषणीयता अन्य भाषाओं की तुलना में अधिक : जगदगुरु
चित्रकूट। जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित 72वें हिन्दी दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए जीवनपर्यन्त कुलाधिपति पद्मविभूषण जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित कराने का संकल्प लेते हुए कहा कि हिन्दी भाषा में संप्रेषणीयता अन्य भाषाओं की तुलना में अधिक है। इसी कारण गोस्वामी तुलसीदास ने अपने कालजयी ग्रंथ रामचरितमानस की रचना हिन्दी में की। उन्होंने इस अवसर पर हिन्दी की उन्नति में योगदान देने वाले साहित्यकारों को भी स्मरण किया ।
कार्यक्रम में तुलसीपीठ के उत्तराधिकारी रामचंद्र दास ने अपने वक्तव्य में वर्तमान में हिन्दी भाषा के वैश्विक फलक पर छाने तथा इसकी लोकप्रियता और दुर्दशा का सारगर्भित विश्लेषण प्रस्तुत किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शिशिर कुमार पांडेय ने हिन्दी भाषा का सोशल मीडिया पर होने वाले प्रचार प्रसार को रेखांकित करते हुए इसके महत्त्व पर प्रकाश डाला। मंच पर मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ. महेन्द्र कुमार उपाध्याय, भाषा संकायाध्यक्ष डॉ. किरण त्रिपाठी, हिन्दी विभाग के प्राध्यापक डॉ. शांत कुमार चतुर्वेदी, डॉ. पीयूष कुमार द्विवेदी आदि मौजूद रहे।