हमीरपुरः प्रतिबंधित पोकलैंड मशीनों से बेतवा नदी को छलनी कर रहे बालू पट्टाधारक
जिले में बेतवा नदी में संचालित कुछ खनन कारोबारी मनमानी तरीके से खनन कर रहे हैं। नदी की जलधारा से हैवी...

जिले में बेतवा नदी में संचालित कुछ खनन कारोबारी मनमानी तरीके से खनन कर रहे हैं। नदी की जलधारा से हैवी पोकलैंड मशीनों के जरिए मौरंग की निकासी कर एनजीटी के नियमों की खुलेआम अवहेलना कर रहे हैं। सरीला तहसील में चिकासी में संचालित खनन खंड संख्या 24/18 व 24/17 में नियमों की अनदेखी हो रही है। खनिज विभाग भी इन पट्टों की निगरानी में कंजूसी बरत रहा है।
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मौरंग खनन के लिए खंड संख्या 24/18 खजुराहो मिनटेक प्राइवेट लिमिटेड व 24/17 आनंद कुमार गुप्ता के नाम आवंटित है, लेकिन इनमें पट्टाधारकों के संचालक एनजीटी के आदेशों को दरकिनार किए हैं। प्रतिबंधित हैवी पोकलैंड मशीनों से नदी में मानक से कई गुना अधिक गहराई तक मौरंग खनन आम बात है। इतना ही नहीं पट्टाधारक द्वारा नदी की जलधारा से भी छेड़छाड़ कर नियम विरुद्ध खनन करते देखे जा रहे हैं।
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मौरंग खदानों में तीन मीटर गहराई से मौरंग निकासी के आदेशों का पालन नहीं हो रहा है। निर्धारित क्षमता से अधिक मौरंग ट्रकों व डंपरों में भरी जा रही है। वहीं जलधारा से निकाली गई मौरंग सड़कों में पानी टपकने से ध्वस्त होने लगी हैं। एनजीटी के आदेशों के तहत निर्धारित क्षेत्रफल में ही खनन किया जाना है। खनिज सर्वेक्षक वेद प्रकाश का कहना है पोकलैंड से मौरंग निकासी का नया शासनदेश आया है। कहा जलधारा से खनन प्रतिबंधित है इसे देखा जाएगा।
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कार्रवाई से पहले संचालकों को मिल जाती सूचना
खदान जाने वाले रास्तों में आने वालों मौरंग कारोबारी खासी नजरें रखे हैं। इनके गुर्गे मुस्तैद रहते हैं। जैसे ही कोई टीम खदान की ओर आती दिखती है। इसकी लोकेशन पट्टाधारक को मिल जाती है। जांच टीम के खदान पहुंचने से पहले प्रतिबंधित मशीनें इधर उधर छिपा दी जाती हैं। इससे राजस्व को तगड़ा झटका लग रहा है। बता दें कि डीएम चंद्र भूषण त्रिपाठी व एसपी शुभम पटेल ने संयुक्त रूप से पिछले सप्ताह खदानों में छापेमारी की थी। जिसमें अधिकारियों ने दर्जनभर से अधिक प्रतिबंधित पोकलैंड मशीनों को पकड़ कर सीज किया था। अधिकारियों की छापेमारी के बाद कुछ दिन तक खदान संचालक नियम से मौरंग की निकासी करते रहे, लेकिन एक बार फिर खनन के लिए भारी भरकम मशीनें मैदान में उतार दी गई हैं।
हस
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