तृतीय पुण्यतिथि पर सम्पन्न हुआ पंचकुण्डीय गायत्री यज्ञ
नगर के हमीरपुर रोड स्थित गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को गायत्री परिवार के समर्पित कार्यकर्ता रहे कीर्तिशेष बालस्वरूप निगम...

राठ (हमीरपुर)। नगर के हमीरपुर रोड स्थित गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को गायत्री परिवार के समर्पित कार्यकर्ता रहे कीर्तिशेष बालस्वरूप निगम की तृतीय पुण्यतिथि पर पंचकुण्डीय गायत्री यज्ञ का आयोजन श्रद्धा एवं भक्ति भाव से सम्पन्न हुआ।
यज्ञ संचालन करते हुए डॉ. एल.एल. त्रिपाठी ने कहा कि मनुष्य सदैव भगवान को सहायता के लिए पुकारता है, किंतु उसे यह नहीं भूलना चाहिए कि 84 लाख योनियों के बीच मानव जीवन परमात्मा का विशेष उपहार है। इसका उपयोग श्रीराम के रीछ-वानरों और श्रीकृष्ण के ग्वाल-बालों की तरह समझदारी व सेवा भाव से होना चाहिए। उन्होंने स्व. बालस्वरूप निगम के परमार्थ भाव से किए गए सेवाकार्यों को अनुकरणीय बताया।
गायत्री शक्तिपीठ के सहायक ट्रस्टी काशी प्रसाद गुप्त ने कहा कि अब समय आ गया है जब गायत्री परिजन अधिक सक्रिय होकर गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा द्वारा प्रज्वलित अखंड ज्योति को प्रचंड ज्योति बनाने के अभियान में योगदान दें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस महान कार्य में महिलाएं भी बराबर की हिस्सेदारी निभाएंगी।
मुख्य ट्रस्टी पं. चन्द्रशेखर मिश्र ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि स्व. निगम जीवन भर युग निर्माण मिशन के प्रति समर्पित रहे। उनकी धर्मपत्नी और परिवारजन भी निरंतर गायत्री परिवार के कार्यों में सक्रिय योगदान देते आ रहे हैं।
यज्ञ संचालन में परिब्राजक रामपाल, युवा मंडल के खुशीराम एवं मनीष मिश्र ने सहयोग किया। सभी प्रज्ञा परिजनों को संस्कार परंपरा के अंतर्गत गुरुमंत्र दीक्षा भी प्रदान की गई। श्रीमती रानी सोनी और कुसुम गुप्ता ने उपाचार्य की भूमिका निभाई। कार्यक्रम का संयोजन स्व. बालस्वरूप निगम के पुत्र अमित निगम द्वारा किया गया।
इस अवसर पर डा. हरिओम नागाइच, फौजी एस.एन. खरे, अरुण माहेश्वरी, सुशील सक्सेना, गिरीश बुधोलिया, बाबूराम गुप्त, मैयादीन गुप्त, के.एल. साधक (वीरा), बिहारी द्विवेदी (इटेलिया बाजार), भोजराज, अरविन्द श्रीवास्तव, सहित शताधिक श्रद्धालुओं ने सहभागिता की। स्व. निगम के परिवारजन श्रीमती माया-सतीश निगम, संगीता-पंकज निगम, क्षमा-अमित निगम, आकांक्षा, यशी, रमा, शीलू भटनागर, सौरभ, नित्या, आशी, ममता, राधा आदि भी उपस्थित रहे।
पूरे आयोजन में श्रद्धा, अनुशासन और आत्मीयता का अनूठा संगम देखने को मिला।
रिपोर्ट : अमित निगम, राठ (हमीरपुर)
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