हमीरपुर में बारिश से गांवों में गोशालाएं हो गई दलदल

हमीरपुर जिले के सैकड़ों गांवों में संचालित गोशालाएं बारिश से दलदल हो गई है। बावजूद गोशालाओं में हजारों गौवंशों को...

हमीरपुर में बारिश से गांवों में गोशालाएं हो गई दलदल

हमीरपुर। हमीरपुर जिले के सैकड़ों गांवों में संचालित गोशालाएं बारिश से दलदल हो गई है। बावजूद गोशालाओं में हजारों गौवंशों को बारिश में भींगने से बचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं होने से गौवंश बीमार हो रहे है। करीब बत्तीस करोड़ की धनराशि गोशालाओं में बंद गौवंश के चारा और भूसे के इंतजाम में ठिकाने लग चुकी है लेकिन गोशालाएं आज भी बद से बदत्तर है। हजारों गौवंश इन दिनों से खेतों और हाइवे में झुंड बनाकर घूम रहे है। जिन्हें संरक्षित भी नहीं किया जा सका। खेतों में लहलहाई फसलों को गौवंश से बचाने की जद्दोजहद में किसान परेशान है।

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प्रदेश में गौवंश को संरक्षित करने के लिए शासन हर महीने करोड़ों रुपये खर्च कर रही है बावजूद बड़ी संख्या में गौवंश गोशालाओं के बाहर घूम रहे है। हमीरपुर जिले में शासन के निर्देश पर तीन सौ तीस गांवों में गोशालाएं बनाई गई थी जिसमें भारी बजट ठिकाने लग गया है। इन गोशालाओं में गौवंश के संरक्षण के लिए फौरी तौर पर किए गए इंतजाम भी नाकाफी है। बरसात में गोशलाओं में कहीं-कहीं टीनशेड जरूर लगवाए गए है लेकिन गोशालाओं के अंदर बारिश का पानी एकत्र होने से पूरा मैदान दलदल में तब्दील है। दलदल में ही गौवंश बैठने को मजबूर है। हमीरपुर जिले में कई गोशालाएं (कान्हा गौ आश्रय स्थल) नगर पालिका और नगर पंचायतों के जिम्मे है लेकिन इन गोशालाओं में गौवंश के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए है। जिले के गांवों में चल रही ज्यादातर गोशालाओं के अंदर बरसात के कारणकीचड़ ही कीचड़ नजर आता है। गोशालाओं में गौवंशों को पेट भर चारा और भूसा भी नहीं मिल रहा है जिससे गोशालाओं में बंद मवेशी कमजोर हो गए है। हमीरपुर के सीवीओ (मुख्य पशु चिकित्साधिकारी) डाँ.अरविन्द कुमार ने बताया कि हर महीने गोशालाओं में गौवंश के चारा और भूसा समेत अन्य व्यवस्थाओं के लिए कई करोड़ रुपये दिए जा रहे है। मौजूदा में पैंतालीस हजार गौवंश गोशालाओं में संरक्षित है। जिन्हें पर्याप्त मात्रा में चारा व भूसा उपलब्ध कराया जा रहा है।

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गोशालाओं में करोड़ों रुपये खर्च, फिर भी गौवंश कमजोर

हमीरपुर जिले में वर्ष 2018-19 से हर गांव में गोशालाएं संचालित हो रही है जिनमें गौवंश के संरक्षण में ही करीब बत्तीस करोड़ रुपये की धनराशि खर्च हो गई। इसके बावजूद गोशालाओं में संरक्षित गौवंश दुबले पतले दिखते है। यहां के सीवीओ डाँ.अरविन्द कुमार ने बताया कि अभी तक करीब बत्तीस करोड़ गोशालाओं के संचालन में खर्च हो गए है। तीन सौ तीस ग्राम पंचायतों की गोशालाओं में ही पैंतालीस हजार मवेशी बंद है।

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गोशालाओं के बाहर सड़कों पर घूम रहे हजारों मवेशियों के झुंड

सैकड़ों ग्राम पंचायतों में अवारा मवेशियों को संरक्षित कर उन्हें चारा और भूसा खिलाने के लिए सरकार हर महीने करोड़ों रुपये का बजट दे रही है इसके बावजूद गोशालाएं बदहाल है। गांवों में गोशालाओं के बाहर सड़कों और खेतों में बड़ी संख्या में अवारा मवेशी घूम रहे है। अकेले सुमेरपुर क्षेत्र में ही चार हजार से अधिक गौवंश भूखे घूम रहे है। लोदीपुर निवादा समेत तमाम गांवों में गोशालाओं में बारिश से दलदल व कीचड़ हो गया है।

हिन्दुस्थान समाचार

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