गेटवे ऑफ बुन्देलखण्ड में 29 साल बाद टक्कर में दिखी कांग्रेस
गेटवे ऑफ बुन्देलखण्ड कही जाने वाली घाटमपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव में भले ही भाजपा ने जीत दर्ज कर ली हो, पर कांग्रेस का बेहतर प्रदर्शन..

कानपुर,
गेटवे ऑफ बुन्देलखण्ड कही जाने वाली घाटमपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव में भले ही भाजपा ने जीत दर्ज कर ली हो, पर कांग्रेस का बेहतर प्रदर्शन भी राजनीतिक पंडितों को सोचने में मजबूर कर दिया। यहां पर 29 साल बाद कांग्रेस टक्कर में आयी और दूसरे स्थान पर पहुंच गयी।
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उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रही कमल रानी वरुण ने 2017 में पहली बार घाटमपुर विधानसभा सीट पर भाजपा को जीत दिलाई थी। कोरोना काल में उनके निधन पर खाली हुई सीट पर भाजपा ने उपेन्द्र पासवान को उम्मीदवार बनाया और भाजपा ने जीत भी दर्ज कर ली।
चुनाव परिणाम आने पर भाजपा भले ही खुश हो पर कांग्रेस को चौथे नंबर की पार्टी बताने वाले राजनीतिक पंडितों को कांग्रेस ने बता दिया कि इमानदारी से जनता के मुद्दों को उठाने पर टक्कर में पहुंचा जा सकता है।
कांग्रेस के उम्मीदवार डा. कृपाशंकर संखवार ने बसपा और सपा को पीछे छोड़ते हुए पार्टी को 29 साल बाद टक्कर में लाकर दूसरे स्थान पर पहुंचा दिया। जबकि कमल रानी के पहले सपा और बसपा दो-दो बार यहां से जीत दर्ज कर चुकी है और घाटमपुर सीट को सपा-बसपा का गढ़ कहा जाने लगा था।
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हिन्दुस्थान समाचार
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