चित्रकूट : दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ समापन

गोस्वामी तुलसीदास राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में इण्डियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च...

चित्रकूट : दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ समापन

एकसूत्र में बांधती हैं लोक संस्कृति में छिपी रस्मे: दुबे 

चित्रकूट। गोस्वामी तुलसीदास राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में इण्डियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च से प्रायोजित ग्रामीण जीवन में लोक संस्कृतिरू अस्तित्व एवं चुनौतियां विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र का शुभारम्भ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विनय कुमार चौधरी एवं मुख्य अतिथि जेआरएचआरयू के निवर्तमान कुलपति प्रो. योगेशचन्द्र दुबे ने किया। 

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संगोष्ठी में मुख्य अतिथि प्रो. योगेशचन्द्र दुबे ने कहा कि सरलता, सहृदयता, सहिष्णुता, परंपरा, चेतना, गीत संगीत, रीति रिवाज, उत्सव, जन्म व मृत्यु के उपरांत सामाजिक रस्में आदि ऐसे तत्व हैं जो लोक संस्कृति में छिपे हुए हैं। यही वे सूत्र हैं जो मनुष्य को समाज से एक स्वस्थ धागे से साथ बांधकर रखते हैं। इस अवसर पर उन्होंने अपने काव्य संग्रह ग्राम्ये लोकगीत के उद्धरण भी प्रस्तुत किये। इस अवसर पर संयोजक डॉ. राजेश कुमार पाल, आयोजन सचिव डॉ. अमित कुमार सिंह, विशिष्ट अतिथि जीवाजी विवि ग्वालियर के प्रो. एसपी शर्मा, जेआरएचआरयू के डॉ. रजनीश कुमार सिंह, गाजियाबाद कालेज के डॉ. राकेश राणा, राजकीय महाविद्यालय जेवर ग्रेटर नोएडा के डॉ. सुजीत पायला ने अपने विचार व्यक्त किए।

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संगोष्ठीे के तकनीकी सत्र में विशिष्ट अतिथि प्रयागराज के डॉ. धीरेन्द्रं सिंह, डॉ. मिथलेश सिंह, डॉ. जेपी सिंह बांदा, डॉ. रामोद मौर्य भदोही, डॉ. अजय वर्मा अतर्रा, डॉ. महेन्द्र उपाध्याय ने व्याख्यान दिए। शोध छात्रों ने भी अपने शोध आलेख प्रस्तुत किये। अतिथियों का आभार सचिव डॉ. अमित कुमार सिंह ने व्यक्त किया। संचालक डॉ. वंशगोपाल रहे। इस दौरान महाविद्यालय के प्राध्यागपक डॉ. रामनरेश यादव, डॉ. सीमा कुमारी, डॉ. धर्मेन्द्र सिंह, डॉ. हेमन्त कुमार बघेल, डॉ. नीरज गुप्ता, डॉ. रचित जायसवाल, बलवन्त सिंह राजोदिया सहित छात्र, छात्राएं उपस्थित रहे।

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