कथा व्यास ने श्रोताओं को राम वनगमन की कथा सुनाई

ब्रह्मलीन महंत रघुनंदन दास महाराज की 33वीं पुण्यतिथि पर हनुमान जी आश्रम नांदी में श्रीराम कथा व रासलीला का आयोजन...

कथा व्यास ने श्रोताओं को राम वनगमन की कथा सुनाई

कथा सुन भावुक हुए श्रोता

चित्रकूट। ब्रह्मलीन महंत रघुनंदन दास महाराज की 33वीं पुण्यतिथि पर हनुमान जी आश्रम नांदी में श्रीराम कथा व रासलीला का आयोजन किया जा रहा है। कथा व्यास ने वाल्मीकि रामायण कथा में शुक्रवार को श्रीराम जानकी विवाह के पश्चात राम वनगमन की कथा श्रोताओं को विस्तार से सुनाई। 

ब्लाक पहाड़ी क्षेत्र के सिद्धपीठ हनुमान मंदिर नांदी आश्रम में अयोध्या के श्रीराम कथा मर्मज्ञ महंत रामकुंज कथा मंडप स्वामी आचार्य सत्यनारायण दास महाराज ने श्रोताओं को श्रीराम जानकी विवाह के पश्चात श्री राम वनगमन की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि जब विवाह स्थल पर बड़े-बड़े राजा, शूरवीर धनुष नहीं उठा सके तो विदेहराज अत्यंत दुखी हो गए। इस पर लक्ष्मण ने उन्हे आश्वस्त किया कि प्रभु श्रीराम के रहते उन्हे चिंता करने की जरूरत है।

इसके बाद प्रभु श्रीराम ने धनुष का खंडन कर सीता से विवाह किया। कुछ दिनो बाद जब राम राज्याभिषेक की बात हुई तो दासी मंथरा के कहने पर कैकेई ने राजा दशरथ से दो वर मांगे। जिसमे राम को 14 वर्ष वनवास और भरत को राज्य। आखिरकार राम, सीता और लक्ष्मण को वन जाना पड़ा। यह सुन अयोध्या के लोग काफी दुखी हो गए, लेकिन प्रभु श्रीराम ने पिता की आज्ञा का पालन किया। कथा के पश्चात प्रसाद वितरण किया गया। देर रात तक श्रद्धालुओं ने रासलीला का आनंद लिया। आश्रम के महंत महेंद्र दास महाराज ने बताया कि वाल्मीकि रामायण कथा व रासलीला का आयोजन 22 दिसंबर तक होगा। 23 दिसंबर को पूर्णाहुति व विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है।

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