114वें श्री तारा नेत्रयज्ञ का शुभारंभ गुरु पादुका पूजन के साथ
श्री सदगुरू सेवा संघ और विश्वप्रसिद्ध श्री सदगुरू नेत्र चिकित्सालय, जानकीकुंड, चित्रकूट में मंगलवार, 5 नवंबर...
चित्रकूट। श्री सदगुरू सेवा संघ और विश्वप्रसिद्ध श्री सदगुरू नेत्र चिकित्सालय, जानकीकुंड, चित्रकूट में मंगलवार, 5 नवंबर (कार्तिक शुक्ल चतुर्थी) को 114वें श्री तारा नेत्रयज्ञ का शुभारंभ गुरु पादुका पूजन के साथ हुआ। यह आयोजन संत रणछोड़दास जी महाराज के कर कमलों द्वारा स्थापित श्री सदगुरू सेवा संघ के तत्वावधान में हुआ।
गुरुजी की जयंती पर श्रद्धांजलि
हर वर्ष, इस दिन को परम पूज्य सदगुरुदेव रणछोड़दास जी महाराज की जयंती के रूप में मनाया जाता है। श्रद्धालु जनों और भक्तों ने बड़े ही श्रद्धा और आस्था के साथ इस पर्व को मनाया। वर्ष 1950 में प्रमोदवन, चित्रकूट में गुरुजी द्वारा पहली बार नेत्रयज्ञ का आयोजन किया गया था, जिसमें मुम्बई से डॉक्टरों और स्वयंसेवकों की टीम ने 950 मोतियाबिंद के सफल ऑपरेशन किए थे। तब से यह नेत्रयज्ञ निरंतर आयोजित होता आ रहा है, जिससे लाखों लोगों को नेत्र ज्योति प्राप्त हुई है।
विधिवत पूजन और ध्वजारोहण
इस वर्ष, ट्रस्ट के अध्यक्ष विशद भाई मफतलाल और उनकी धर्मपत्नी रूपल मफतलाल ने तारा नेत्रयज्ञ का शुभारंभ किया। प्रातः रघुवीर मंदिर में सदगुरू परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गुरु पादुका पूजन सम्पन्न हुआ। इसके पश्चात्, प्रार्थना भवन में नेत्रयज्ञ का ध्वजारोहण, पूजन और उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया।
रोगियों के ऑपरेशन का प्रारंभ
इसके बाद ऑपरेशन थियेटर में मोतियाबिंद से पीड़ित रोगियों के ऑपरेशन शुरू हुए। इस अवसर पर ट्रस्ट के समस्त सदस्य, देशभर से आए गुरु भाई-बहन, जानकीकुंड चिकित्सालय की जनरल सर्जन डॉ. पूनम अडवाणी, वरिष्ठ बाल नेत्र चिकित्सक डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आलोक सेन, वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक डॉ. राजेश जोशी, कॉर्निया विभाग प्रमुख डॉ. गौतम सिंह परमार, अधीक्षक डॉ. ए.बी.एस. राजपूत सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
सदगुरु सेवा संघ द्वारा स्थापित यह नेत्रयज्ञ समाज के प्रति समर्पण और सेवा की सच्ची मिसाल है।