हजारों लोग बागेश्वर धाम पहुंचे, पदयात्रा का शुभारंभ आज
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की 9 दिवसीय हिन्दू एकता पदयात्रा का आज शुभारंभ हो रहा है...
हिन्दू एकता और सामाजिक समरसता का संदेश लेकर निकलेगी पदयात्रा
छतरपुर। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की 9 दिवसीय हिन्दू एकता पदयात्रा का आज शुभारंभ हो रहा है। पदयात्रा का उद्देश्य हिन्दू समाज के भीतर जाति, वर्ग और भेदभाव को मिटाकर एकजुटता स्थापित करना है। यह यात्रा बागेश्वर धाम बालाजी मंदिर से सुबह 8 बजे राष्ट्रध्वज और भगवा ध्वज फहराकर प्रारंभ होगी। पहले दिन यह यात्रा लगभग 20 किलोमीटर का सफर तय कर ग्राम कदारी पहुंचेगी।
देश-विदेश से जुटे श्रद्धालु, संतों की उपस्थिति
इस ऐतिहासिक पदयात्रा में देशभर के साथ-साथ विदेशों से भी श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। अब तक 20,000 लोगों ने पंजीकरण कराया है, जबकि इससे कई गुना अधिक लोग बिना पंजीकरण के यात्रा में शामिल हो सकते हैं। यात्रा में देश के जाने-माने संतों की उपस्थिति रहेगी, जिनमें गोपालमणि जी, राजू दास महाराज, मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्र दास सहित अन्य शामिल हैं।
सांस्कृतिक झलकियां और बुंदेली लोककला का प्रदर्शन
यात्रा के दौरान बुंदेली कलाकार अपने पारंपरिक नृत्य और संगीत का प्रदर्शन करेंगे। 15 विशेष रथों में बालाजी का रथ, महापुरुषों की झांकियां और समाजों का गौरव प्रदर्शित करने वाले रथ शामिल होंगे। स्थानीय बुंदेली कलाकार हरिया भैया और सोनू तिवारी सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की पुलिस ने यात्रा की सुरक्षा के लिए सख्त इंतजाम किए हैं। यात्रा मार्ग पर 600 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। बागेश्वर महाराज की सुरक्षा के लिए चार स्तरों का सुरक्षा घेरा बनाया गया है।
जानी-मानी हस्तियों की होगी उपस्थिति
यात्रा में फिल्म अभिनेता संजय दत्त, पहलवान खली, गायक कीर्तिदान गढ़वी, कवि कुमार विश्वास और अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां अलग-अलग चरणों में शामिल होंगी।
यात्रा का मार्ग और स्वागत कार्यक्रम
पदयात्रा 21 नवंबर से 29 नवंबर तक छतरपुर से ओरछा तक चलेगी। यात्रा मार्ग में 62 स्वागत स्थलों और 3 भोजन स्थलों पर श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
बागेश्वर महाराज का संदेश
पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, "हिन्दू समाज के भीतर एकता स्थापित करना इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य है। यह जागरूक समाज ही भारत को सामर्थ्यवान और हिन्दू राष्ट्र बनाने में सहायक होगा।"
अगले नौ दिनों तक यह पदयात्रा छतरपुर, नौगांव, मऊरानीपुर और अन्य स्थानों से होकर 29 नवंबर को ओरछा के रामराजा मंदिर में समाप्त होगी।