20 वर्ष पूरे होने पर मनाया विद्यालय का स्थापना दिवस
दृष्टिबाधितों को सशक्त बनाने के लिए 1995 से संघर्षरत सामाजिक संस्था ने विद्यालय दृष्टि नेत्रहीन बालिका...
संस्था ने डा सुरेन्द्र अग्रवाल व पत्रकार सुधीर अग्रवाल को दिया मानद सदस्यता
संगीत की प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोहा
चित्रकूट(संवाददाता)। दृष्टिबाधितों को सशक्त बनाने के लिए 1995 से संघर्षरत सामाजिक संस्था ने विद्यालय दृष्टि नेत्रहीन बालिका विद्यालय की स्थापना के 20 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर 17 एवं 18 अगस्त का दो दिवसीय समारोह का आयोजन किया।
सामरोह का उदघाटन सदर विधायक अनिल प्रधान ने किया। डीसीबी अध्यक्ष पंकज अग्रवाल ने समारोह की अध्यक्षता की। इससे पूर्व सुबह के सत्र में पुरातन छात्र सम्मेलन के अवसर पर आयोजित कार्यशाला को सम्बाधित करते हुए संस्था के महासचिव शंकर लाल गुप्ता ने बताया कि जनपद में दृष्टिबाधित बालिकाओं की शिक्षा के लिए कोई व्यवस्था नही थी। जिससे वे सभी क्षमता होने के बावजूद अशिक्षित रहने के लिए मजबूर थी। वह स्वयं जब उच्च शिक्षा के लिए इन्दौर गए तो वहां देखा की दृष्टिबाधित बालिकाएं भी बालको जैसे पढ रही है। इस बात से उन्हें प्रेरणा मिली और 1995 में संस्था की स्थापना के 8 वर्षों बाद कठिन परिश्रम से 18 अगस्त 2004 को बुन्देलखण्ड क्षेत्र के पहले स्पेशल विद्यालय की स्थापना की। जिसमें केवल दृष्टिबाधित बालिकाओं को समस्त आवासीय सुविधाओं से युक्त निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था दी गई। जहां पर उन्हें गणित, विज्ञान, कम्प्यूटर एवं संगीत सहित ब्रेललिपि की विशेष शिक्षा प्रदान की जा रही है। यह लगातार 20 वर्षो से जारी है। इस दो दिवसीय समारोह में संगीत की प्रस्तुति के लिए दक्षिण भारतीय संगीत मर्मज्ञ डॉ राममूर्ति ने वायलिन में अपनी प्रस्तुतियां दी। उनकी संगीत कौशल से प्रभावित होकर मुख्य अतिथि विधायक माला एवं साल देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में संस्था की संस्थापक सदस्य जयश्री जोग ने संस्था के सभी कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया। सत्र में मुख्य समारोह का उद्घाटन जिलाधिकारी शिवशणप्पा जीएल ने किया। उन्होंने पुरातन छात्राओं को सम्मानित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। समारोह में डा. सुरेन्द्र अग्रवाल एवं पत्रकार सुधीर अग्रवाल को संस्था का मानद् सदस्यता भी प्रदान की गई। उसके बाद हिंदू विश्व विद्यालय बनारस के संगीताचार्य रमाशंकर, जगतगुरु रामभद्राचार्य राज्य दिव्यांग विश्वविद्यालय की ज्योति विश्वकर्मा के साथ दक्षिण भारत के रायपुर निवासी संगीत मर्मज्ञ डा एम राममूर्ति एवं उनकी पत्नी शशिकला ने संगीत की बेजोड़ प्रस्तुतियां दी। समारोह में पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्र, डा एसपी त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष पीडी गुप्ता, अरुण गुप्ता, राम गुप्ता, लल्लूराम शुक्ला, विजयचंद्र गुप्त, सुषमा सिंह, अनीता सिंह, शोभा गुप्ता, विमला गुप्ता, प्रधानाचार्य वर्षा गुप्ता, अनूप गुप्ता, शुभम गुप्ता, पंकज दुबे, बसन्त लाल, रघुनाथ प्रसाद, रमा देवी आदि मौजूद रहे। संचालन सचिव बलबीर सिंह ने किया। महासचिव शंकर लाल गुप्ता ने अतिथियों के प्रति आभार जताया।