बुंदेलखंड की उपेक्षा के विरोध में आवाज बुलंद, राजधानी तक गूंजेगी जन आक्रोश यात्रा
कुलपहाड़ (महोबा)। बुंदेलखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। इसी कड़ी में बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा की ओर से नवंबर माह में ‘जन आक्रोश यात्रा’ का आयोजन किया जाएगा। यह यात्रा पारंपरिक अंदाज में बैलगाड़ियों के काफिले के साथ रामराजा सरकार की नगरी ओरछा (मध्य प्रदेश) से शुरू होगी।
कार्यक्रम में शामिल होने कुलपहाड़ पहुंचे बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानु सहाय ने बताया कि यह यात्रा लगभग तीन हजार किलोमीटर लंबी होगी, जो ओरछा, निवाड़ी, छतरपुर, पन्ना, चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महोबा, उरई, दतिया, ललितपुर, सागर, दमोह, टीकमगढ़ और झांसी जैसे जिलों से होकर गुजरेगी।
यह भी पढ़े : मशहूर अभिनेता सतीश शाह का 74 वर्ष की आयु में निधन, फिल्म जगत में शोक की लहर
उन्होंने कहा कि यात्रा लगभग ढाई माह तक चलेगी। इस दौरान गांव-गांव में पदयात्राएं और चौपालें, जबकि जिला मुख्यालयों पर अधिवक्ता संघों के साथ संवाद कार्यक्रम और बाजारों में मशाल जुलूस निकाले जाएंगे। यात्रा के माध्यम से बुंदेलखंड राज्य निर्माण की मांग को लेकर राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों से समर्थन जुटाया जाएगा।
भानु सहाय ने कहा कि बुंदेलखंड की उपेक्षा लंबे समय से हो रही है, जिसके चलते रोजगार, सिंचाई और विकास की स्थिति दयनीय बनी हुई है। इस जन आक्रोश यात्रा के जरिए क्षेत्र की जनता की आवाज को राजधानी तक पहुंचाया जाएगा।
यह भी पढ़े : लखनऊ-भोपाल एक्सप्रेसवे से घटेगा सफर का समय, 15 घंटे की दूरी अब सिर्फ 7 घंटे में
बैठक में मनोज तिवारी, मुकेश विकास गुप्ता, पूर्व ब्लाक प्रमुख राजेश चौबे, एडवोकेट भारत सिंह, इंद्रपाल सिंह, प्रतीक यादव, बलवीर सिंह यादव और कल्याण सिंह सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।