जरूरतमंदों का मददगार बना बांदा कोविड सपोर्ट ग्रुप, घर घर पहुंचा रहें हैं राशन

सूखे ने बुंदेलखंड को तबाही के उस मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया था जहां से वापस लौटने पर लंबा संघर्ष जारी है बावजूद इसके कोरोना..

May 27, 2021 - 06:33
May 27, 2021 - 08:34
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जरूरतमंदों का मददगार बना बांदा कोविड सपोर्ट ग्रुप, घर घर पहुंचा रहें हैं राशन
बांदा कोविड सपोर्ट ग्रुप, बांटा सूखा राशन

सूखे ने बुंदेलखंड को तबाही के उस मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया था जहां से वापस लौटने पर लंबा संघर्ष जारी है बावजूद इसके कोरोना के संक्रमण काल ने आम आदमी को तोड़ कर रख दिया।ऐसे में जनपद से सटे कई इलाकों में बांदा कोविड-19 सपोर्ट ग्रुप में रोज खाने कमाने वाले मलिन बस्ती से लेकर पगडंडियों तक में गुजर-बसर करने वाले सैकड़ों चूल्हो को गर्म रखने में मदद करने का काम किया है।

बलखंडी नाका से लेकर अलीगंज समेत काशीराम कॉलोनी, कहला, तिंदवारी, बिसंडा इलाकों में पहुंचने के लिए मुख्य मार्ग से कच्ची सड़क पर चलना पड़ा। जहां गांव के गांव,कई कस्बे सन्नाटे में डूबे है। सपोर्ट ग्रुप की ममता पाण्डेय द्वारा बताया गया कि कोरोना महामारी से प्रभावित हुये जरूरतमंद परिवारों तक सुखा राशन पहुँचाने का एक अभियान शुरू किया गया है जिसमें कोविड -19 महामारी से प्रभावित दिहाड़ी मजदूर ,दैनिक कार्य कर अपनी आजिविका चलाने वाले मजदूर स्ट्रीट वेंडर ,स्लम एरिया मे रहने वाले ऐसे निराश्रित जन, विकलांग जन एंव अन्य जरूरतमंद परिवारों की पहचान कर उनकी सूची अनुसार प्रभावित परिवारो के लिए राशन किट्स बनाकर लगातार वितरण का कार्य चालू है अभी तक कुल 20 गॉंव एंव शहरी स्लम क्षेत्रों से चयनित लगभग 510 परिवारों को राहत सहायता किट प्रदान की गयी है।

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इन मुफलिसो के बीच ग्रुप का सूखा राशन सामग्री परेशान चेहरों में सुकून देता नजर आता हैं। ममता पाण्डेय ने बतायाकि इसके साथ साथ जनसमुदाय को “मेरा गॉंव कोरोना मुक्त गॉंव  अभियान” चलाने हेतु जागरूक भी किया जा रहा है।

बांदा कोविड सपोर्ट ग्रुप, बांटा सूखा राशन

मुफलिसो के बीच समाजवादी पार्टी के नगर अध्यक्ष प्रदीप निगम लाला ,योग गुरु प्रकाश साहू व बार एसोसिएशन के प्रवीण निगम एडवोकेट सहित बुंदेलखंड कनेक्ट के समन्वय अरुण निगम ने तकरीबन तीन दर्जन परिवारों को सूखा राशन किट वितरित की। जिसमें आवश्यकता की सभी सामग्रियां शामिल है।

इनमें कई ऐसी महिलाएं भी थी जो विधवा हो चुकी है और पड़ोस के लोगों से खर्च चलाने के लिए कर्जदार हो गई तो कुछ का लॉकडाउन ने काम धंधा छीन लिया। ग्रुप के देवेंद्र कुमार व राजेंद्र कुमार बताते हैं कि गांव की स्थिति ठीक नहीं है। मनरेगा योजना से जैसे तैसे लोगों को काम मिल जाता था लेकिन लॉकडाउन में भुखमरी की कगार पर खड़ा कर दिया है मुफलिसो के बीच राशन बांटने से सचमुच सुख मिल रहा है।

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