बाँदा : कृषि कानूनों के विरोध में बुंदेलखंड इंसाफ सेना के सदस्यों ने कराया सामूहिक मुंडन

केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में सोमवार को जिले में बुंदेलखंड इंसाफ सेना ने किसानों को अपना समर्थन दिया..

बाँदा : कृषि कानूनों के विरोध में बुंदेलखंड इंसाफ सेना के सदस्यों ने कराया सामूहिक मुंडन
बुंदेलखंड इंसाफ सेना के सदस्यों ने कराया सामूहिक मुंडन

केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में सोमवार को जिले में बुंदेलखंड इंसाफ सेना ने किसानों को अपना समर्थन दिया। इस दौरान कई पदाधिकारियों ने अपने सिर का मुंडन कराकर अपना विरोध जताया।

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पदाधिकारियों ने कहा कि सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर अब तक 11 किसान दम तोड़ चुके हैं। सरकार को गतिरोध का समाधान निकालना चाहिए। किसी भी आंदोलनकारी किसान की मौत न हो, इसके लिए बेहतर इंतजाम किया जाए।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि किसानों के समझ में नए कृषि कानून नहीं आ रहे हैं। लॉकडाउन में भी भाजपा की सरकार में देश के करोड़ों मजदूर को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इन सब से देश की इकोनॉमी बढ़ी है और न ही देश में भाईचारा।

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पिछले 7 साल से देश हमारा गर्त की ओर जा रहा है। देश में बेरोजगारी, महंगाई, भुखमरी सब चरम सीमा पर है। लगभग 20 दिनों से देश के किसान टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर एक-एक कर अब तक 11 किसान आंदोलनकारी दम तोड़ चुके हैं। किसी के पेट या सीने में दर्द तो किसी के हादसे में जान गई है। सर्दी में आसमान तले बैठे किसान लगातार बीमार पड़ रहे हैं।

बुंदेलखंड इंसाफ सेना ने सरकार से मांग की है कि किसानों के धरने पर मौतों का सिलसिला रुकना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि किसान नेता और सरकार दोनों ही जल्द से जल्द गतिरोध से निकल कर समाधान करे।

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