अगड़ा-पिछड़ा दोनों में भाजपा का आधार है तगड़ा : केशव प्रसाद मौर्य

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्षी पार्टियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है..

अगड़ा-पिछड़ा दोनों में भाजपा का आधार है तगड़ा : केशव प्रसाद मौर्य
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya, Deputy Chief Minister of Uttar Pradesh)

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्षी पार्टियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वे लोग अगड़ा और पिछड़ा की रट लगा रहे हैं। लेकिन, जनता के बीच भाजपा का आधार तगड़ा है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हिन्दुस्थान समाचार से खास बातचीत में कहा कि महिला सशक्तिकरण को लेकर भारतीय जनता पार्टी का अपना सकारात्मक नजरिया है।

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केवल चुनाव में टिकट देने मात्र से बात नहीं बनती। चुनाव में महिला उम्मीदवारों को टिकट देना कांग्रेस का फैसला नहीं है, बल्कि यह फैसला प्रियंका वाड्रा का है, जो कभी मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार बन जाती हैं तो कभी इसे मजाक बता देती हैं। महिला सशक्तिकरण को लेकर कांग्रेस अगर गंभीर होती तो हर चुनाव में 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देती।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपने संबंध को लेकर एक सवाल के जवाब में केशव मौर्य ने कहा कि इस तरह की बातों का कोई आधार नहीं है। सच यह है कि उनके नेतृत्व में मंत्रिमंडल के सभी साथियों ने मिलकर बेहतर कार्य किया है। एक सवाल के जवाब में केशव मौर्य ने दावा किया कि उनकी सरकार में जाति और धर्म के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार ने गरीबों के कल्याण को लेकर योजनाएं बनाने के साथ-साथ उसका पूरी तरह क्रियान्वयन भी किया है। सबको भोजन, सबको आवास और सबको स्वच्छ जल इन बुनियादी सुविधाओं को लेकर हमने ठोस कार्य किये हैं।'

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यहां प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के खास अंश

  • सवाल- आप अपनी सरकार के बीते पांच साल के कामकाज को किस रूप में देखते हैं?

मैं अपनी सरकार के कामकाज से पूरी तरह संतुष्ट हूं। सरकार गठन के वक्त राज्य में सबसे बड़ी समस्या कानून-व्यवस्था की थी, जिसे हम पटरी पर ले आये हैं। इसके साथ-साथ विकास के कई नये दरवाजे भी खुले हैं।

  • सवाल- इस दौरान आप एक महत्वपूर्ण मंत्रालय देख रहे थे, क्या आप अपने कार्य से संतुष्ट हैं?

मेरे मंत्रालय का प्रदर्शन भी सराहनीय रहा है। मैं विभाग में हुए कार्यों से संतुष्ट हूं। राज्य में सड़कों की स्थिति पहले से काफी बेहतर हुई है। सड़कों को गड्ढों से निजात मिली है। इसके लिए बराबर अभियान चलाया गया था। पहले की सरकारों की अपेक्षा सड़कों को ऐहतर बनाने की दिशा में काफी काम हुआ है। जनता स्वयं इस बात को महसूस कर रही है। यही हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है।

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  • सवाल- कुछ ऐसे कार्य बताएं जिसे आप अपनी अनूठी पहल मानते हैं?

परंपरागत ढर्रे से हटकर हमने कई नये प्रयोग किए, जो अनूठी मिसाल बने। मसलन-लखनऊ-एक्सप्रेस पर जो गांव सर्विस रोड से नहीं जुड़े थे, उनको सर्विस रोड से जोड़ा गया है ताकि उनको भी सुगम मार्ग का फायदा मिल सके। हाई स्कूल और इंटरमीडियेट में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले मेधावी छात्रों के नाम पर 'डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम गौरव पथ' बनाये गये।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के घरों तक 'मेजर ध्यानचंद विजय पथ' का निर्माण कार्य हुआ। शहीदों के सम्मान में 'जयहिंद वीर पथ' का निर्माण कार्य किया गया। 175 हर्बल मार्गों का चयन कर उनपर औषधीय पौधे लगाए गए। कोरोना की पहली लहर के दौरान विभाग ने सभी जनपदों में अपनी कैंटीन चलाकर जरूरतमंदों को भोजन वितरित किया, जिसके लिये विभाग को पुरस्कृत भी किया गया।

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  • सवाल- राज्य का पीडब्ल्यूडी विभाग हमेशा विवादों में रहता था, लेकिन आपके कार्यकाल में यह विभाग अधिक चर्चा में नहीं आया। यह महज संयोग था या फिर आपने कोई विशेष नीति बनायी थी?

हमने एक समेकित नीति अपनायी। विभाग में पारदर्शिता लाने के लिये 'प्रहरी' एप का उपयोग किया गया, ताकि कामकाज में कोई गड़बड़ी न पैदा हो। यह हमारा विभाग ही था, जिसने इस एप का सफलतापूर्वक उपयोग किया।

  • सवाल- आपकी सरकार पर राजनीतिक दलों ने दो बड़े आरोप लगाये हैं। पहला यह कि इस सरकार में एक ख़ास जाति को महत्व मिला है और दूसरा यह कि धर्म की राजनीति पर जोर रहा। इस पर आपका क्या कहना है?

यह आरोप अनर्गल और झूठे हैं। हमारी सरकार ने समाज के आखिरी व्यक्ति को केंद्र में रखकर राज्य के विकास का ढांचा तैयार किया। गरीबों के कल्याण को लेकर योजनाओं को बनाने के साथ-साथ उसका पूरी तरह क्रियान्वयन भी किया। सबको भोजन, सबको आवास और सबको स्वच्छ जल इन बुनियादी सुविधाओं को लेकर हमने ठोस कार्य किये हैं। इसमें जाति और धर्म के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं हुआ है।

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  • सवाल- यह भी खबर आती रही कि मुख्यमंत्री योगी से आपके संबंध सहज नहीं रहे। आखिर सच क्या है?

यह सब निराधार बातें हैं और इनमें कोई सच्चाई नहीं है। सच यह है कि उनके नेतृत्व में मंत्रिमंडल के सभी साथियों ने मिलकर काम किया है।

  • सवाल- आपकी नजर में 'राम राज्य' का अर्थ क्या है?

कोई भूखा न सोये। सभी सुखी और निश्चिंत रहें। हर हाथ को काम और सबको न्याय मिले। सबका साथ-सबका विकास हो। यही रामराज्य है।

  • सवाल- विपक्ष इस चुनाव को 'अगड़ा बनाम पिछड़ा' के तौर पर देख रहा है। इसका मुकाबला आप और आपकी पार्टी कैसे करेगी?

दरअसल विपक्ष के पास कोई रचनात्मक काम नहीं है। इसलिए वे अगड़ा बनाम पिछड़ा की रट लगा रहे हैं। लेकिन जनता के बीच भाजपा का आधार तगड़ा है। भाजपा तो त्रिवेणी है, जिसमें सवर्ण, पिछड़ा और दलित/अनुसूचित सभी समाहित हैं।

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  • सवाल- आपकी पार्टी का मूल मंत्र 'सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास' होने के बाद भी '80 बनाम 20' क्यों?

इस तरह की बेबुनियाद बातें विपक्ष की फैलायी हुई है। उसकी राजनीति केवल बीस फीसदी लोगों पर केंद्रित रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नारा 'सबका साथ-सबका विकास' हमारा संकल्प है, जिसमें 80 बनाम 20 का कोई मतलब नहीं है।

  • सवाल- पिछले विधानसभा चुनाव में आप सूबे में पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे। इसके बावजूद आप मुख्यमंत्री नहीं बनाए गए। क्या वजह रही?

हमारे यहां पार्टी नेतृत्व का फैसला सर्वोपरि होता है। इसमें किसी की इच्छा-अनिच्छा का कोई मतलब नहीं होता।

  • सवाल- माना जा रहा है स्वामी प्रसाद मौर्य पिछड़ों के बड़े नेता हैं। लेकिन, वे आपकी पार्टी में नहीं हैं। आपकी पार्टी इसकी भरपाई कैसे करेंगे?

उनके जाने का पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन भाजपा छोड़ने के बाद उनकी राजनीति पर असर ज़रूर पड़ेगा। चुनाव बाद यह पता चल जाएगा।

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  • सवाल- कोरोना महामारी की वजह से उत्तर प्रदेश का चुनाव भिन्न परिस्थिति में हो रहा है। ऐसे में लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिये आपकी क्या योजना है?

चुनाव विपरीत परिस्थितियों में हो रहा है। यह सच है। लेकिन चुनाव आयोग ने जो गाइड लाइन बनायी है, उसका हम पालन कर चुनाव प्रचार करेंगे।

  • सवाल- भारतीय जनता पार्टी महिला सशक्तिकरण की बात करती है। लेकिन महिला उम्मीदवारों को कांग्रेस पार्टी की अपेक्षा भाजपा में कम टिकट दिया गया है। इससे ऐसा लगता है कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में कांग्रेस पार्टी आगे है। इसपर आप क्या कहेंगे?

महिला सशक्तिकरण को लेकर हमारा अपना सकारात्मक नजरिया है। केवल चुनाव में टिकट देने से बात नहीं बनती। चुनाव में महिला उम्मीदवारों को टिकट देना कांग्रेस का फैसला नहीं है, बल्कि प्रियंका वाड्रा का है, जो कभी मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार बन जाती है तो कभी इसे मजाक बता देती हैं। महिला सशक्तिकरण को लेकर कांग्रेस अगर गंभीर होती, तो हर चुनाव में वह 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देती।

  • सवाल- आप लगातार 300 सीटों पर जीत का दावा कर रहे हैं लेकिन आपकी पार्टी से लोग छिटक रहे हैं। ऐसे में यह लक्ष्य कैसे संभव होगा?

हम पिछली बार की तरह इस बार भी 300 का आंकड़ा पार कर रहे हैं। कुछेक अवसरवादियों के जाने से नतीजे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

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हि.स

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