प्रधान व लेखपाल की मिलीभगत से दुर्लभ कदम्ब के वृक्षों को कटवाने का आरोप
जनपद के ग्राम सभा भौरी के अंतर्गत राम वन गमन मार्ग पर स्थित काली देवी पहाड़ी में पौराणिक व धार्मिक महत्व के कदंब के वृक्षों..
पेड़ो को बचाने के लिए नवयुवकों व ग्रामीणों ने सोसल मीडिया प्लेटफार्मो पर मुहिम की तेज
जनपद के ग्राम सभा भौरी के अंतर्गत राम वन गमन मार्ग पर स्थित काली देवी पहाड़ी में पौराणिक व धार्मिक महत्व के कदंब के वृक्षों को प्रधान व लेखपाल की मिलीभगत से कटवाए जाने का आरोप लगाया जा रहा है।जिससे हिंदुओं में गहरा आक्रोश व्याप्त है।इस बारे में प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी शिकायत की गई है।
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बताते हुए कि ग्रामसभा भौरी के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग 36 राम वन गमन मार्ग पर स्थित काली देवी पहाड़ी में पौराणिक धार्मिक एवं पुरातात्विक महत्व के कदम्ब के वृक्ष लगे हैं जिनकी जो सैकड़ों वर्ष पुराने बताए जाते हैं।लोगों का कहना है कि वृंदावन के बाद भौरी पहाड़ी में ही यह कदंब वृक्ष बचे हैं। कई बार लोगों ने वृंदावन के तीर्थ यात्रियों को इन वृक्षों की पूजा करते देखा है।
ग्राम पंचायत भौरी निवासी विमल मिश्रा ने उप जिला अधिकारी मानिकपुर को शिकायती पत्र भेज कर ग्राम प्रधान व लेखपाल पर आरोप लगाते हुए बताया कि ग्राम पंचायत भौंरी में काली देवी मंदिर के पास प्राचीन समय से अति दुर्लभ कदंब के पेड़ लगे हैं। जिनको ग्रामीण अपनी आस्था मानते हुए सैकड़ों वर्षों से पूजा करते आ रहे हैं, वहीं विमल मिश्रा व गांव के युवा दीपक शुक्ला ने सोसल मीडिया में अपना गहरा दुख व्यक्त करते हुए बताया कि जिस कदंब के वृक्षों का उल्लेख हमारे शास्त्रों में वेदों में मिलता है उसी की दुर्लभ प्रजाति को नष्ट कर मौजूदा प्रधान व लेखपाल मिलीभगत करके वहा अतिक्रमण व निर्माण कार्य करवा रहे हैं, फिलहाल उक्त प्रकरण को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश जमकर सोसल मीडिया पर दिखता नजर आ रहा है।
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उक्त प्रकरण में प्रधानपति भौंरी मुन्ना लाल राजपूत ने जानकारी देते हुए बताया कि मैं कुछ दिनों से बाहर हूं। मुझे उक्त प्रकरण की मुझे कोई जानकारी नहीं है। गांव से कुछ लोगो का फोन आया था। वहीं लेखपाल राजेन्द्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि मेरे ऊपर आरोप निराधार है मैंने उक्त प्रकरण को देखा है।
वैक्सीनेशन डियुटी की वजह से आज मौके पर जा नहीं पाया,जल्द ही इस पर सम्बन्धित अधिकारियों को अवगत कराते हुए कार्यवाही कराऊंगा। वहीं उक्त मामले में पूर्व प्रधान पति समाजसेवी मनीष मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि यह दुलभ कदंब के वृक्ष ग्रामीणों के आस्था के सैकड़ों वर्षों से केंद्र रहे है।
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हमारे पूर्वज व ग्रामवासियों सैकड़ों वर्षों से काली माता मन्दिर में अपनी आकांक्षाओं व मनोकामना की पूर्ति के लिए काली देवी व कदंब के वृक्षों की पूजन अर्चन करते आ रहे हैं,यह गांव की धरोहर है इनकी आस्था के साथ खिलवाड़ बर्दास्त नहीं होगा,जल्द ही उच्चाधिकारियों से मिलकर संरक्षण के लिए मांग की जायेगी।