चित्रकूट : आतंक का पर्याय रहे दुर्दांत डकैतों के लिए यमराज साबित हुए एडीजी अमिताभ यश

विंध्य पर्वत श्रृंखला के मध्य यूपी-एमपी सीमावर्ती जिलों में कई दशकों से आतंक का साम्राज्य चलाने वाले दुर्दांत डकैतों के लिए..

चित्रकूट : आतंक का पर्याय रहे दुर्दांत डकैतों के लिए यमराज साबित हुए एडीजी अमिताभ यश
एडीजी अमिताभ यश (ADG Amitabh Yash)

सात लाख के ईनामी ददुआ के लेकर दुर्दांत गौरी यादव तक को लगाया ठिकाने

विंध्य पर्वत श्रृंखला के मध्य यूपी-एमपी सीमावर्ती जिलों में कई दशकों से आतंक का साम्राज्य चलाने वाले दुर्दांत डकैतों के लिए उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के अपर पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश काल साबित हुए है। सात लाख के ईनामी रहे ददुआ से लेकर साढे पांच लाख के ईनामी डकैत गौरी यादव तक का सफाया कर भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट को दस्यु विहीन करने में एडीजी अमिताभ यश का अहम योगदान रहा है।

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बुंदेलखंड के चित्रकूट जनपद का पाठा क्षेत्र पिछले चार दशकों से दुर्दांत डकैतों के आतंक का शिकार रहा है। यूपी-एमपी से सात लाख का ईनाम घोषित रहने के बावजूद ददुआ ने राजनैतिक संरक्षण के दम पर 1982 से लेकर 2006 तक पाठा के बीहड से समानांतर सत्ता चलायी। हनक की बदौलत ददुआ के महज एक फरमान से ग्राम प्रधान से लेकर सांसद और विधायक तक चुने जाते रहे है।

सपा के समर्थन से बौखलाई बसपा ने वर्ष 2007 में यूपी की सत्ता में आने के बाद ददुआ की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के आदेश पर यूपी एसटीएफ की टीम ने अमिताभ यश के नेतृत्व में चित्रकूट में डेरा डाल दिया था। इसके बाद उनके नेतृत्व वाली टीम ने ही 22 जुलाई 2007 को मानिकपुर के झलमल जंगल में यूपी-एमपी के सबसे बड़े डकैत रहे शिवकुमार पटेल ददुआ को मार गिराया था।

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दुर्दांत डकैत ददुआ को मारने के बाद एसटीएफ टीम का उत्साह सातवें आसमान पर पहुंच गया था। एसटीएफ की टीम को उसी दिन बुुंदेलखंड के एक और बड़े डकैत छह लाख के ईनामी अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया गैंग की लोकेशन मिली थी।जिसके आधार पर वह कोलौहां जगंल की ओर निकल गये थे।

कामयाबी न मिलने के बाद वापस लौट रही एसटीएफ की टीम पर दस्यु ठोकिया ने पडोसी जिले बांदा के फतेहगंज थाना क्षेत्र के बघोलनबारी वन चौकी की भौठी के पास हमला बोल दिया। जिसमें एसटीएफ के राजेश चौहान, बृजेश यादव, लक्ष्मण प्रसाद, गिरीश चंद्र नागर, उमाशंकर यादव, ईश्वर देव सिंह जवान शहीद हो गए थे। इस घटना से बौखलाई एसटीएफ ने ठोकिया को जल्द से जल्द मारने की कसम खाई थी।

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एक बार फिर तत्कालीन एसटीएफ एसएसपी अमिताभ यश ने मुखबिरों का जाल बिछाया और करीब एक साल बाद 04 अगस्त 2008 को छह लाख के ईनामी ठोकिया को उसके गांव सिलखोरी में ही ढेर कर दिया था। इसके बाद पाठा में आतंक के साम्राज्य के खात्मे की आस जगी थी,लेकिन कुछ ही दिनों में ठोकिया के चेले रहे रागिया और बलखडिया और फिर बबली कोल ने दस्यु गिरोह की कमान संभाली।लेकिन बहुत ही कम समय में इन सक्रिय दस्यु गिरोहो का खात्मा हो गया।

इसके बाद पाठा के बीहड की कमान संभालने वाले साढे पांच लाख के ईनामी दस्यु गौरी यादव के बढते आंतक को देख एक बार फिर एसटीएफ एडीजी अमिताभ यश की टीम को चित्रकूट भेजा गया। टीम ने जाल बिछाकर यूपी-एमपी के मोस्ट वांटेड साढे पांच लाख के ईनामी गौरी यादव को बहिलपुरवा के जंगल में मुठभेड के दौरान शनिवार तड़के ढेर कर दिया।

यूपी-एमपी के मोस्ट वांटेड आपराधियों के खात्मे के का पूरा श्रेय एसटीएफ एडीजी अमिताभ यश और उनकी टीम को जाता है। इसी जांबाज अधिकारी की बदौलत भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट आज दस्यु विहीन हो सकी।

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हि.स

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