राष्ट्रीय कृमि मुक्ति 10 दिवसीय अभियान में 8.27 लाख बच्चे खाएंगे दवा

कृमि (पेट में कीड़े) के संक्रमण से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है। कृमि संक्रमण की रोकथाम के लिए एल्बेंडाजॉल..

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति 10 दिवसीय अभियान में 8.27 लाख बच्चे खाएंगे दवा
कृमि संक्रमण फाइल फोटो

कृमि (पेट में कीड़े) के संक्रमण से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है।  कृमि संक्रमण की रोकथाम के लिए एल्बेंडाजॉल की गोली बच्चों को खिलाई जाती है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से दो अगस्त से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। यह 11 अगस्त तक चलेगा। जनपद में एक से 19 साल के 827415 बच्चों को आशा व एएनएम डोर टू डोर दवा खिलाएंगी।

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अपर मुख्य चिकित्साधिकारी/नोडल अधिकारी डा. आरएन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के 63 जिलों में दो चरणों में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। पहले चरण में 17 जनपदों में यह कार्यक्रम दो अगस्त से शुरू हो रहा है। इसमें बांदा जनपद भी शामिल है। यहां 8.27 लाख बच्चों को एल्बेंडाजाल की गोली खिलाई जानी है।

उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पेट के कीड़े एक विश्वव्यापी जन स्वास्थ्य समस्या है। बच्चों में कीड़ों के संक्रमण से जहां एक ओर बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास में बाधा आती है, वहीं दूसरी ओर उनके पोषण और हीमोग्लोबिन स्तर भी कम हो जाता है।

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नोडल अधिकारी ने बताया कि सिर्फ एक एल्बेंडाजोल 400 मिग्रा की गोली खिलाने से पेट के 20 प्रतिशत कृमि खत्म हो जाते है। इसके कारण बच्चों में खून की कमी की समस्या दूर होती है। पोषण स्तर में बढ़ोत्तरी होती है। 1 से 2 साल तक की बच्चों को आधी गोली पीसकर व पानी में घोलकर पिलाना है। 2 से 19 साल के बच्चों को 1 गोली चबाकर खाने के बाद पानी पीना है। लेकिन गोली को खाली पेट नहीं खिलाना चाहिए। 

आरबीएसके/आरकेएसके के डीईआईसी मैनेजर वीरेंद्र प्रताप ने बताया कि कृमि नियंत्रण किए जाने से बच्चों में खून की कमी में सुधार होगा, पोषण स्तर बेहतर होगा। इसके अलावा स्कूल आंगनबाड़ी केंद्र में उपस्थिति तथा सीखने की क्षमता में सुधार होगा। वहीं बच्चे की भविष्य में कार्य क्षमता और औसत आय में बढ़ोतरी होगी। वातावरण में कृमि की संख्या कम होने पर समुदाय को लाभ मिलता है।

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