पन्ना टाइगर रिजर्व को आबाद करने वाली 17 वर्षीय बाघिन की मौत,कंकाल मिला
जनपद की सीमा से सटे मध्य प्रदेश के पन्ना रिजर्व टाइगर में 17 वर्षीय बाघिन का गुरुवार को कंकाल मिला है। मौत का...
बांदा जनपद की सीमा से सटे मध्य प्रदेश के पन्ना रिजर्व टाइगर में 17 वर्षीय बाघिन का गुरुवार को कंकाल मिला है। मौत का कारण स्पष्ट नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार इसकी मौत करीब 10 से 12 दिन पहले होने की आशंका है। रेडियो कॉलर लगा होने के बाद भी इतनी देरी से बाघिन की मौत होने की बात पता चलने से वन कर्मियों की लापरवाही भी सामने आई है। मौत का कारण पता लगाने के लिए नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं।
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पन्ना में बाघ पुनर्स्थापना योजना के तहत चार मार्च 2009 में टी-1 बाघिन को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लाया गया था। इसी बाघिन से पन्ना का जंगल बाघों से पुनः आबाद हुआ है। उसने पांच बार में 13 शावकों को जन्म दिया है। बाघिन की उम्र 14-15 वर्ष के आसपास की बताई जा रही है। हालांकि बाघों की अधिकतम आयु 14 से 15 वर्ष ही होती है। टी-1 पीटीआर की सबसे शांत बाघिन बताई जाती है। वर्तमान में पीटीआर में 70 से 80 बाघों की हैं।
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पन्ना टाइगर रिजर्व की बाघिन टी-1 पर एमराल्ड जंगल रिटर्न आफ द टाइगर्स नाम की फिल्म भी बन चुकी हैं। इस फिल्म को अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल-2022 के लिए भी चुना गया था। यह फिल्म मुंबई के डायरेक्टर सोमेखी लेखी के निर्देशन में करीब 80 मिनट की बनाई गई है। फिल्म में यह बताया गया है कि दोबारा बाघों का जंगल कैसे आबाद हुआ। बाघिन के गले में रेडियो कालर होने के बाद भी पार्क प्रबंधन को मौत का पता नहीं चल पाया। बाघिन की मौत की जानकारी लकड़ी बीनने गए मजदूरों ने दी। हालांकि क्षेत्र संचालक बृजेंद्र झा इस घटना को प्राकृतिक मौत बता रहे हैं।
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