कोरोना काल में बाँदा के पुरूषों ने कंडोम की दोगुनी खपत की

पिछले साल के मुकाबले इस साल महज छह महीनों में ही महिलाओं में पीपीआईसीडी और पुरूषों में कंडोम का क्रेज बढ़ा है। 

Sep 25, 2020 - 19:18
Sep 25, 2020 - 20:05
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कोरोना काल में बाँदा के पुरूषों ने कंडोम की दोगुनी खपत की


गर्भनिरोधक उपायों के प्रति जागरूकता फैलाने और युवाओं को सही उम्र में प्रजनन का निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए 26 सितंबर को ‘विश्व गर्भनिरोधक दिवस’ मनाया जाता है। गर्भ निरोधक संसाधनों को अपनाने में महिलाओं में जागरूकता बढ़ी है। इस साल वैश्विक महामारी के बावजूद भी मार्च से अगस्त तक 17 महिलाओं और एक पुरूष ने नसबंदी कराई है। पिछले साल के मुकाबले इस साल महज छह महीनों में ही महिलाओं में पीपीआईसीडी और पुरूषों में कंडोम का क्रेज बढ़ा है। 


जनसंख्या नियंत्रण और मातृ शिशु मृत्यु दर कम करने का केंद्र व राज्य सरकारें लगातार प्रयास कर रही हैं। लोगों में यौन जागरूकता बढ़ाने, अनियोजित गर्भधारण तथा यौनजनित रोगों (एसटीडी) से बचाव के बारे में बताया जा रहा है। नोडल/एसीएमओ डा. आरएन प्रसाद ने बताया कि परिवार नियोजन के लिए चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रमों का नतीजा है कि महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। पिछले साल महिलाओं ने 27 नसबंदी, 2618  आईयूसीडी, 1841 पीपीआईयूसीडी, 486 छाया टेबलेट व 1119 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन के जरिए परिवार नियोजन अपनाया है।

एसीएमओ ने बताया कि कोरोना संक्रमण और उसके खौफ के बाद भी इस साल अप्रैल से अगस्त तक 17 महिला नसबंदी, 1852 आईयूसीडी, 1841 पीपीआईयूसीडी, 1788 छाया टेबलेट और 523 अंतरा इंजेक्शन का प्रयोग किया है। जबकि एक  पुरूष नसबंदी हुई है। पुरूषों में कंडोम का क्रेज बढ़ा है। पिछले साल 101135 कंडोम बंटे। जबकि इस साल सिर्फ 6 महीनों में ही 99789 कंडोम लाभार्थियों को दिए गए। 


जिला परिवार नियोजन एंड लाजिस्टिक मैनेजर चैतन्य कुमार का कहना है कि महिलाओं की आपेक्षा पुरूषों को ज्यादा जागरूक करने की जरूरत है। पुरूषों में यह भ्रांति है कि नसबंदी से कमजोरी आती है। उन्होंने बताया कि विश्व गर्भनिरोधक दिवस पर जिला पुरूष व महिला अस्पताल समेत सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्टाल लगाकर गर्भ निरोधक संसाधनों के बारे में बताया और जागरूक किया जाएगा। 


गर्भ निरोधक संसाधनों को अपनाने में लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए मिशन परिवार विकास की ओर से प्रोत्साहन राशि दी जाती है। जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ सुरेश पांडेय ने बताया कि पुरूष नसबंदी पर 3000 तथा महिला नसबंदी पर 2000 रूपये लाभार्थी को दिए जाते हैं। जबकि डिलेवरी के 48 घंटे के भीतर नसबंदी कराने में महिला 3000 तथा डिलेवरी के बाद पीपीआईसीडी में महिला को 300 रूपये मिलते हैं।

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