भारत में बाल विवाह में उल्लेखनीय गिरावट, दुनिया के लिए बना सबक

भारत में बाल विवाह की दर में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई है। जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) की नई रिपोर्ट...

Sep 27, 2025 - 12:37
Sep 27, 2025 - 12:38
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भारत में बाल विवाह में उल्लेखनीय गिरावट, दुनिया के लिए बना सबक

नई दिल्ली। भारत में बाल विवाह की दर में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई है। जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) की नई रिपोर्ट ‘टिपिंग प्वाइंट टू जीरो : एविडेंस टूवार्ड्स ए चाइल्ड मैरेज फ्री इंडिया’ के अनुसार देश में लड़कियों के बाल विवाह में 69 प्रतिशत और लड़कों में 72 प्रतिशत की कमी आई है।

रिपोर्ट के अनुसार, बाल विवाह की रोकथाम के लिए गिरफ्तारी और एफआईआर जैसे कानूनी कदम सबसे प्रभावी साबित हुए। राज्यों में असम ने सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल की है, जहां बाल विवाह में 84 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई। इसके बाद महाराष्ट्र व बिहार (70 प्रतिशत), राजस्थान (66 प्रतिशत) और कर्नाटक (55 प्रतिशत) का स्थान है।

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर आयोजित एक कार्यक्रम में यह रिपोर्ट जारी की गई। इसे इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन के सी-लैब शोध प्रभाग ने तैयार किया। बाल विवाह की रोकथाम में असम की बड़ी उपलब्धि को मान्यता देते हुए जेआरसी ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा को ‘चैंपियंस ऑफ चेंज’ पुरस्कार से सम्मानित किया।

रिपोर्ट में बताया गया कि 2019-21 के दौरान देश में हर मिनट तीन बाल विवाह होते थे, जबकि शिकायतें बेहद कम दर्ज होती थीं। लेकिन बीते तीन वर्षों में केंद्र व राज्य सरकारों, नागरिक समाज संगठनों और पंचायतों के सामूहिक प्रयासों से स्थिति में बड़ा बदलाव आया। सर्वे में शामिल 99 प्रतिशत लोगों ने माना कि वे बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के बारे में जागरूक हैं।

जेआरसी के संस्थापक भुवन ऋभु ने कहा, “भारत आज बाल विवाह के खात्मे के कगार पर है। यह केवल सतत विकास लक्ष्य की उपलब्धि नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण है कि दृढ़ संकल्प, मजबूत साझेदारियां, समुदायों की भागीदारी और कानून के कड़े अनुपालन से यह अपराध समाप्त किया जा सकता है।”

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2030 तक बाल विवाह के पूर्ण उन्मूलन के लिए कानून पर सख्ती से अमल, विवाह पंजीकरण अनिवार्य करने और ग्राम स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों की आवश्यकता है। साथ ही, बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को और सशक्त बनाने के लिए एक राष्ट्रीय दिवस तय करने की भी सिफारिश की गई है।

जेआरसी, जो 250 से अधिक नागरिक समाज संगठनों का नेटवर्क है, ने 2023 से अब तक भारत में 3,97,849 बाल विवाह रोके हैं, 1,09,548 बच्चों को ट्रैफिकिंग और बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराया है और 32,000 यौन शोषण पीड़ित बच्चों को सहयोग प्रदान किया है।

यह उपलब्धि न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व के लिए एक ब्लूप्रिंट साबित हो रही है कि बाल विवाह का खात्मा संभव है और यह होकर रहेगा।

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