'आपकी पूंजी-आपका अधिकार‘ अभियान शुरू
जिला अग्रणी प्रबंधक अनुराग शर्मा ने बताया कि जिले के बैंकों के विभिन्न खातों में बरसों से लावारिस पड़े 15 करोड़ रुपये के असली...
बैंकों में लावारिस पड़े 15 करोड़ के वारिसों की तलाश जारी
चित्रकूट। जिला अग्रणी प्रबंधक अनुराग शर्मा ने बताया कि जिले के बैंकों के विभिन्न खातों में बरसों से लावारिस पड़े 15 करोड़ रुपये के असली वारिसों की तलाश के लिए भारत सरकार वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) द्वारा ‘आपकी पूंजी-आपका अधिकार‘ अभियान शुरू किया गया है। जिसके क्रम में जनपद में भी बैंकों व वित्तीय संस्थानों के साथ आम जन मानस को जागरूक करने के लिए विकास भवन में अक्टूबर माह में कैम्प का आयोजन किया गया था। जिसमें कुछ दावेदारों को चिन्हित कर बैंकों व वित्तीय संस्थानों द्वारा भुगतान किया गया है।
बताया कि कुछ दावेदारों को बैंकों द्वारा भुगतान किए जाने के बावजूद अभी भी काफी तादाद में खातों के वारिसों से संपर्क नहीं हो पाया है, जिसका मुख्य कारण लावारिस धनराशि वाले खाताधारक की मृत्यु, रोजगार व नौकरी के चलते किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित हो जाने अथवा जमा की गयी धनराशि का भूल जाना है। बताया कि यदि 10 वर्ष तक अगर किसी खाते में लेन-देन नहीं किया जाता है, तो वह धनराशि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डी.ई.ए. फण्ड में अंतरित हो जाती है। बताया कि जनपद के विभिन्न बैंकों में कुल 42,000 निष्क्रिय खातों में लगभग 15 करोड़ रुपए लावारिस पड़े हैं। इसके अलावा इतनी ही धनराशि म्युचुअल फंड, जनरल इंश्योरेंस, लाइफ इंश्योरेंस, पेंशन फंड, बीमा कंम्पनी आदि में पड़ी हैं, जिनके वारिसों की तलाश जारी है। बताया कि अभियान के तहत बैंकों की ओर से अनक्लेम्ड राशि जिन खातों में जमा है, उनकी सूची के आधार पर वारिसों से संपर्क का प्रयास हो रहा है। साथ ही कर्मचारियों को ग्राहकों के पते पर भी भेजा जा रहा है, तो कुछ लोग संबंधित पतों पर नहीं मिल रहे। इससे लावारिस धनराशि असली उत्तराधिकारी तक पहुंचाने में दिक्कत आ रही है। उन्होंने आम जनमानस से अपील की कि लावारिस खातों की पहचान में खातेधारकों के पते पर जाने वाले बैंक कर्मचारियों की मदद करते हुए आस पड़ोस के लोग जानकारी उपलब्ध कराएं ताकि धनराशि के असली वारिश तक पहुंचना आसान हो सकता है। बताया कि वारिसों की पहचान का कार्य आगामी 31 दिसंबर तक चलेगा। जिसके तहत बैंक व वित्तीय संस्थान अपने स्तर प्राप्त सूची के आधार पर अनक्लेम्ड राशि के वारिसों की तलाश कर रहे हैं। कहा कि ऐसे ग्राहक जिनको अंदेशा है कि उनके किसी संबंधी के खाते में अनक्लेम्ड राशि है, वह आर.बी.आई. के उद्यम पोर्टल पर जानकारी ले सकते हैं। पोर्टल पर अपने मोबाइल नंबर से यूजर आईडी व पासवर्ड बनाते हुए परिवार की बुनियादी जानकारी दर्ज कर विभिन्न बैंकों में लावारिस धनराशि तलाश सकते हैं तथा मिलान होने पर जरूरी दस्तावेज संग संबंधित बैंक की शाखा में दावा कर सकते हैं।
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