फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में नहीं होना चाहिए लापरवाही : डीएम
डीएम पुलकित गर्ग की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई...
निर्देशित किया कि बीएचएनडी व टीकाकरण कार्य में अधिकारी लाएं सुधार
30 प्रतिशत स्वास्थ्य इकाईयों में प्रसव की सुविधा मुहैया कराने के दिए निर्देश
जिला स्वास्थ्य समिति की हुई बैठक
चित्रकूट। डीएम पुलकित गर्ग की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई। बैठक में जिला मलेरिया अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि प्राप्त निर्देशों के क्रम में जनपद में 2 से 28 फरवरी 2026 तक एमडीएम, आईडीए कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। फाइलेरिया (हाथीपांव) रोग के उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत विशेष अभियान चलेगा। जिसका उद्देश्य जनपद को फाइलेरिया मुक्त बनाना तथा आमजन को इस रोग से सुरक्षित रखना है।
डीएम ने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि फाइलेरिया अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए समस्त खंड विकास अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की जाए तथा ब्लॉकवार ग्राम प्रधानों को व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर प्रभावी समन्वय स्थापित किया जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि अभियान के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो तथा शत प्रतिशत दवा सेवन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही आमजन से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन जनसहभागिता से ही संभव है। टीकाकरण के संबंध में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि कोई भी पात्र बच्चा टीकाकरण से वंचित न रहे। वीएचएसएनडी सत्रों के दौरान सभी केंद्रों पर आवश्यक किट एवं उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। यदि कोई उपकरण खराब है तो उसे तत्काल दुरुस्त कराया जाए जो एएनएम कार्य में लापरवाही बरत रही हैं उन्हें नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि वीएचएसएनडी में शून्य प्रगति की स्थिति अब स्वीकार्य नहीं है।
वीएचएसएनडी सत्रों के माध्यम से बच्चों के जन्म के पश्चात स्वास्थ्य सेवाओं की जहां कमी है वहां प्रगति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ बीएचएसएनडी सत्रों में एएनएम द्वारा सभी उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं जिसे तत्काल सुधारें। जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि किसी बैंक से समन्वय स्थापित कर स्टैडियो इनफिन्टो मीटर सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएं। बीएचएसएनडी की वर्तमान स्थिति पर असंतोष व्यक्त करते हुए इसमें सुधार लाने के निर्देश दिए गए। डीएम ने कहा कि जिन इंडिकेटरों में जनपद की रैंकिंग गिर रही है उसे तत्काल रोका जाए तथा निरंतर सुधार सुनिश्चित करें। प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर अच्छा कार्य करने वाली एएनएम को सम्मानित करने के भी निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में उपलब्ध कुल स्वास्थ्य इकाइयों के सापेक्ष 30 प्रतिशत इकाइयों को प्रसव कार्य कराए जाने के लिए व्यवस्थित किया जाए तथा सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए प्रसव की सेवाएं दी जाए। उन्होंने कहा कि सब सेंटर पर भी प्रसव संभव है तथा जिन सब सेंटरों को मरम्मत की आवश्यकता है उन्हें ग्राम पंचायत के माध्यम से दुरुस्त कराया जा सकता है। प्रसव लाभार्थियों के भुगतान के संबंध में उन्होंने निर्देश दिए कि समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित किया जाए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी से कहा कि सभी इंडिकेटरों की रैंकिंग में गिरावट के कारणों की समीक्षा की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि रैंकिंग से यह परिलक्षित होता है कि वीएचएसएनडी, टीकाकरण आदि पर विशेष फोकस की आवश्यकता है। यह पूरी व्यवस्था एक चेन के रूप में कार्य करती है। ऐसे में प्रत्येक स्तर पर सुधार जरूरी है। उन्होंने थर्ड पार्टी यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ आदि से भी सुझाव आमंत्रित करते हुए कहा कि सिस्टम में सुधार, आशा एवं एएनएम के कार्यों में गुणवत्ता बढ़ाने तथा गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से आयरन की गोली उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया जाए।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि प्रतिदिन पांच इकाइयों का डाटा स्वयं चेक करें एवं उसकी सुधार के लिए आवश्यक कार्रवाई भी की जाए। उन्होंने कहा की साप्ताहिक रूप से स्वास्थ्य की प्रगति में किए गए कार्यों की रिपोर्ट भी उपलब्ध कराएं। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी देवी प्रसाद पाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भूपेश द्विवेदी सहित संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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