जगद्गुरु ने आधुनिक युग में कायम रखी तुलसी की परंपरा : डिप्टी सीएम
जगदगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के अष्टावक्र सभागार में गोस्वामी तुलसीदास की जयंती पर...

जेआरएचआरयू में मनाई गई गोस्वामी तुलसीदास की जन्म जयंती
चित्रकूट। जगदगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के अष्टावक्र सभागार में गोस्वामी तुलसीदास की जयंती पर आयोजन हुआ। इस अवसर पर 24 घंटे के श्री रामचरितमानस के पाठ के उपरांत आयोजित कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय में श्री रामायण पीठम एवं लुई ब्रेल भवन का शिलान्यास किया। सरस्वती वंदना संगीत विभाग की प्रभारी डॉ ज्योति विश्वकर्मा ने प्रस्तुत की।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के संस्थापक तथा जीवनपर्यंत कुलाधिपति जगद्गुरू स्वामी रामभद्राचार्य महारााज हैं। उन्होंने सनातन विरासत एवं संस्कृति को सजाने का जो कार्य किया है वह अविस्मरणीय है। आधुनिक युग में गोस्वामी तुलसीदास जी की परंपरा को कायम रखते हुए चित्रकूट की धरती से श्री राम लला की स्तुति करके जन-जन को धन्य कर दिया है। उन्होंने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी का योगदान महर्षि वाल्मीकि के बाद आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज सनातन परंपरा के प्रत्येक व्यक्ति के घर में किसी भी कार्य का प्रारंभ श्री रामचरितमानस के पाठ से ही होता है। यह गोस्वामी तुलसीदास जी की जीवन मूल्यों की प्रासंगिकता है। जिसे युगों युगों तक जाना जाएगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के जीवनपर्यंत कुलाधिपति जगदगुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि विश्वविद्यालय में श्री रामायण पीठम की स्थापना से विश्व की सभी रामायणों को उपलब्ध कराया जाएगा तथा उस पर व्यापक रूप से शोध कार्य होगा। उन्होंने श्री रामायण पीठम के प्रथम निदेशक के रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शिशिर कुमार पांडेय को नियुक्त किया। इस अवसर पर आध्यात्मिक अतिथि के रूप में श्रृंगवेरपुर धाम के महंत जयरामदास जी महाराज उपस्थित रहे। कार्यक्रम में तुलसी पीठ के उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास, कुलाधिपति के निजी सचिव रमापति मिश्रा, रंजना उपाध्याय, विधायक अविनाशचन्द्र द्विवेदी, दिनेश मिश्रा, चंद्रप्रकाश खरे, विवि के कुलसचिव मधुरेंद्र कुमार पर्वत, अधिष्ठाता डॉ महेंद्र कुमार उपाध्याय, डॉ विनोद कुमार मिश्र, डॉ निहार रंजन मिश्र, डॉ अमित अग्निहोत्री, डॉ गुलाबधर सहित विश्वविद्यालय परिवार के समस्त सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन संगीत विभाग के प्रभारी डॉ गोपाल कुमार मिश्र ने किया।
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