संगवारा गांव में घर-घर बांटी गई बूंदी के लड्डू व मालपुआ
धर्मनगरी में दीपावली का विशेष महत्व है। भगवान राम जब रावण का वध करने के बाद वापस अयोध्या लौट रहे थे तब उन्होंने...
चित्रकूट। धर्मनगरी में दीपावली का विशेष महत्व है। भगवान राम जब रावण का वध करने के बाद वापस अयोध्या लौट रहे थे तब उन्होंने चित्रकूट में अपना पुष्पक विमान उतारा था और यहां के साधु संतों का आशीर्वाद लिया था। भगवान राम के स्वागत में दीप मालिकाएं सजाई गई थीं और पूरी दुनिया में सबसे पहले चित्रकूट में दीपावली की खुशियां मनाई गई थीं। इसी क्रम में पहाड़ी ब्लाक के सगवारा गांव के मूल निवासी पदम नारायण पाण्डेय जो व्यापार के सिलसिले में राजस्थान चले गए और कोटा में अपना व्यवसाय संभालते हैं। उन्होंने अपनी मातृभूमि के निवासियों के साथ दीपावली की खुशियां साझा करने के लिए कोटा नगर से देसी घी में बने बूंदी के राजस्थानी लड्डू और काजू कतली सहित राजस्थान का मशहूर मालपुआ अपने बड़े भाई रामनारायण पांडेय, भाभी संजुला पांडेय और परिवारीजनों को साथ लेकर गाँव के हर घर में जाकर बाँटते हुए अपनी दीपावली की शुभकामनाएं दी।
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