आचार्य ने शिव विवाह की सुनाई कथा
श्रीधर आश्रम हनुमान मंदिर में चल रही श्रीराम कथा के दूसरे दिन आचार्य नवलेश दीक्षित महाराज ने कहा कि जीवन में कोई भी कार्य करें...

हर परिस्थिति में करना चाहिए बेटियो का सम्मान : नवलेश
चित्रकूट। श्रीधर आश्रम हनुमान मंदिर में चल रही श्रीराम कथा के दूसरे दिन आचार्य नवलेश दीक्षित महाराज ने कहा कि जीवन में कोई भी कार्य करें तो मंगलाचरण के रूप में श्रीगणेश जी का पूजन करना चाहिए, क्योंकि श्रीगणेश अनादि है। उन्होंने शिव विवाह की कथा सुनाई।
मंगलवार को श्रीराम कथा में शिव विवाह का मार्मिक वर्णन करते हुए कथा व्यास ने कहा कि वास्तविक में बेटी का कन्यादान करते समय माता-पिता कितना दीन होकर करुणा से द्रवित हो जाते हैं। इस दुनिया में अगर बेटी न होती तो संसार में संबंध रिश्ते कैसे चलते। समाज में बेटी ही है जो दो कुलो को आपस में जोड़ने का कार्य करती है। यह कन्या ही झुकना सिखाती है। इसलिए बेटियों का सम्मान हर परिस्थिति में करना चाहिए। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का सूत्र तभी सार्थिक होगा। राम चरित्र मानस में गोस्वामी तुलसीदास ने सात ष्लोको में सबसे पहले मंगलाचरण किया। यही सात श्लोक मानव के सोपानो का प्रतिनिधि करते हैं। सनातन धर्म में सात का बड़ा महत्व है। सम सोपान सप्त पुरिया संगीत के सात स्वर अर्थात मानव की किसी भी स्वर एवं राग में गाया जा सकता है। इसलिए गोस्वामी जी की मानस सात समुद्र पार कर विदेशों में स्थान प्राप्त कर लिया। कथा पश्चात राजस्थान भारतपुर के आयोजक नंद किशोर शर्मा, चन्द्रप्रभा अपने परिवार के साथ आरती कर प्रसाद वितरण किया।
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