ग्रीन एनर्जी मिशन को बूस्ट : रेलवे का बड़ा ऐलान, दिवाली के बाद पटरियों पर उतरेगी देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन
भारतीय रेलवे पर्यावरण संरक्षण और कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहा है...

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे पर्यावरण संरक्षण और कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहा है। दीपावली के ठीक बाद, देश की पहली पूर्णतः हाइड्रोजन संचालित ट्रेन पटरियों पर दौड़ने के लिए तैयार है। यह अत्याधुनिक और प्रदूषण रहित ट्रेन हरियाणा के सोनीपत-गोहाना-जींद रूट पर संचालित की जाएगी।
ट्रायल और उत्पादन कार्य अंतिम चरण में:
रेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत जींद में स्थापित किए गए हाइड्रोजन उत्पादन संयंत्र (Hydrogen Production Plant) में अंतिम चरण का ट्रायल और परीक्षण कार्य तेजी से चल रहा है। इस अत्याधुनिक प्लांट में प्रतिदिन 430 किलोग्राम हाइड्रोजन गैस का उत्पादन करने की क्षमता होगी, जिसका उपयोग विशेष रूप से इस ट्रेन के संचालन के लिए किया जाएगा।
2,638 यात्री क्षमता, शून्य प्रदूषण:
यह नई हाइड्रोजन ट्रेन पूरी तरह से प्रदूषण रहित होगी, जिससे पर्यावरण को स्वच्छ रखने में बड़ी मदद मिलेगी। रेलवे के अनुसार, इस ट्रेन में एक बार में 2,638 यात्रियों के बैठने की सुविधा होगी, जिससे यात्रियों को आधुनिक और हरित सफर का अनुभव मिलेगा।
रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने इस परियोजना को भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उनका कहना है कि हाइड्रोजन ट्रेन के संचालन से रेलवे की डीजल पर निर्भरता में भारी कमी आएगी तथा यह केंद्र सरकार के 'ग्रीन एनर्जी मिशन' को एक नई दिशा प्रदान करेगा।
यह पहल भारतीय रेलवे को 'कार्बन उत्सर्जन मुक्त' बनाने के लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा और प्रभावी कदम है। सफल परीक्षण के बाद, इस हरित तकनीक को देश के अन्य व्यस्त और प्रमुख रेल मार्गों पर भी लागू करने की योजना है।
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