“बेटियाँ अब सिर्फ सपने नहीं देखतीं, उन्हें पूरा भी करती हैं” – शालिनी की सफलता बनी प्रेरणा
कहते हैं मेहनत और लगन कभी बेकार नहीं जाती, और इसे सच कर दिखाया है बाँदा की बेटी शालिनी द्विवेदी ने...

बाँदा। कहते हैं मेहनत और लगन कभी बेकार नहीं जाती, और इसे सच कर दिखाया है बाँदा की बेटी शालिनी द्विवेदी ने। ब्रह्म नगर, कालू कुआँ, बबेरू रोड निवासी शालिनी ने कंपनी सेक्रेटरी (CS) की परीक्षा पहले ही प्रयास में उत्तीर्ण कर बाँदा जनपद का नाम गौरवान्वित किया है। खास बात यह है कि उन्होंने यह उपलब्धि बिना किसी कोचिंग के, पूरी तरह स्व-अध्ययन (Self Study) के बल पर हासिल की है।
शालिनी के पिता संतोष कुमार द्विवेदी भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हैं, जबकि उनकी माता बृजलता द्विवेदी गृहिणी हैं। उनके दोनों भाई शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हैं। परिवार ने बेटी की इस सफलता पर गर्व और खुशी व्यक्त की है।
शैक्षिक पृष्ठभूमि
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स्कूली शिक्षा : सेंट मैरीज स्कूल, बाँदा
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स्नातक (बी.कॉम): राजीव गांधी कॉलेज
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विधि स्नातक (LLB): एकलव्य विधि महाविद्यालय, बाँदा
इन उपलब्धियों के बाद शालिनी अब एक योग्य कंपनी सेक्रेटरी व अधिवक्ता के रूप में स्थापित हो चुकी हैं।
पेशेवर अनुभव
वर्ष 2020 से ही शालिनी कंपनी रजिस्ट्रेशन, GST, ITR और अन्य कॉर्पोरेट सेवाओं में सक्रिय हैं। अब तक वे 100 से अधिक कंपनियों का सफल पंजीकरण कर चुकी हैं। अपने अनुभव और विशेषज्ञता के आधार पर अब वे बाँदा में पहली कंपनी सेक्रेटरी फर्म शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।
शालिनी ने कहा
"मैंने कभी कोचिंग नहीं की। शुरू से ही खुद से पढ़ाई की, इंटरनेट और पुस्तकों की मदद ली। परिवार का सहयोग हमेशा साथ रहा, जिसने मुझे यह लक्ष्य पाने की ताक़त दी।"
उन्होंने यह भी बताया कि बाँदा व आसपास के क्षेत्र के युवा यदि कंपनी शुरू करना चाहते हैं या GST, ITR जैसी सेवाओं को लेकर मार्गदर्शन चाहते हैं तो वे उनसे संपर्क कर सकते हैं।
प्रेरणा बनीं बाँदा की बेटी
शालिनी की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि यदि आत्मविश्वास और समर्पण हो तो बिना कोचिंग भी बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं।
उनकी यह उपलब्धि बाँदा सहित पूरे बुंदेलखंड के युवाओं के लिए प्रेरणा है।
"बेटियाँ अब सिर्फ सपने नहीं देखतीं, उन्हें पूरा भी करती हैं।"
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