बाँदा : पुलिस का अधिवक्ता और उसके परिवार पर टूटा कहर, महिलाओं और बच्चों के शरीर में मिले गंभीर चोट के निशान
चार पुलिसकर्मियों पर हमला करके उन्हें घायल करने के मामले में पुलिस ने अधिवक्ता केशव प्रसाद यादव और उसके..
बांदा,
चार पुलिसकर्मियों पर हमला करके उन्हें घायल करने के मामले में पुलिस ने अधिवक्ता केशव प्रसाद यादव और उसके बेटे ,बेटी, पुत्री और गर्भवती बहू को आरोपी बनाया है और उनकी गिरफ्तारी के बाद बदले की भावना से पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पीटा है इनके शरीर में मेडिकल बोर्ड की जांच में तमाम चोटें मिली हैं। अधिवक्ता ने इस मामले में पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दी है।
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अधिवक्ता व उनके परिवार के सात सदस्यों का मेडिकल बोर्ड ने परीक्षण किया। डा. विनीत सचान, बागीश श्रीवास्तव, चारू गौतम के बोर्ड ने सभी का मेडिकल परीक्षण किया। सीएमएस डा. एसएन मिश्रा पारदर्शिता के लिए खुद भी मौजूद रहे हैं। सूत्रों की माने तो मेडिकल परीक्षण में अधिवक्ता केशव प्रसाद यादव के शरीर में करीब आठ से नौ चोटें हैं। कमर व हाथ, पैर आदि चोटों को दर्शाया गया है।
इसी तरह उनकी पत्नी सावित्री दोनों जांघों में चोट की वजह से सूजन, कूल्हे व पेट में चोट लिखी गई है। महिला ने पेट में दर्द बताया तो उसका अल्ट्रासाउंड भी लिखा गया है। इसी तरह पुत्री प्रभा के बांये पैर के पीछे, पैर के नीचे, दाहिनी जांच बायें पैर की जांघ के पास चोटे मिली है। पुत्र धनेश के करीब छह जगह चोटें व गर्भवती बहू सविता के पेट सहित कई जगह चोटें होना दर्शाया है। बहू का भी अल्ट्रासाउंड कराने को लिखा गया है। सुनील के बांये हाथ, सिर के पीछे, सीधे पैर में दर्द व सूजन की शिकायत मिली है।
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पुलिस अधीक्षक को दिये प्रार्थना पत्र में पीड़ित पड़री गांव निवासी केशव प्रसाद यादव एडवोकेट ने कहा है कि शुक्रवार 13मई को सुबह लगभग सात बजे मेरा छोटा लड़का योगेंद्र टयूबवेल में था। मैं निमंत्रण करने बाहर चला गया था। टयूबवेल में दो व्यक्ति सादे कपड़ों में आए पूछतांछ की और गाली-गलौज शुरू कर दिया। पत्र में यह भी कहा गया है कि जब गाली देने से बच्चों ने मना किया तो उक्त लोगों ने बेटे के साथ मारपीट शुरू कर दी और घसीटकर ले जाने लगे। बिटिया लड़के को बचाने लगी। शोरगुल हुआ, चीखने चिल्लाने की आवाज आयी।
आवाज पर पड़ोस के लोग इकट्ठा हो गए तब उन्होंने बताया कि हम पुलिस वाले हैं। पुलिस वालों ने थाने को फोन कर दिया। तबतक दो दर्जन पुलिस कर्मी मेरे घर आ गए और घर में तोड़फोड़ कर नकदी सहित तमाम जेवरात लूट ले गए। पत्र में कहा गया है कि उसी दिन शाम के शहर के झील के पुरवा वाले मकान से पुलिस वाले देवप्रसाद व गनेश कुमार को पकड़कर बबेरू ले गए। वहां पर पुलिस ने बेहरहमी से ऐसे मारा कि उन्हें शरीर में गंभीर चोटें आ गई। इसके बाद पुलिस ने मेरेे पुत्र-पुत्रियों, पत्नी और बहू के विरुद्ध थाना बबेरू में झूठा मुकदमा दर्ज कर चालान कर दिया।
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वहीं जिला अधिवक्ता संघ ने इस घटना के विरोध में 16 व 17 मई को कार्य बहिष्कार करने की धमकी दी है। इस बीच जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव राकेश कुमार सिंह ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश को भेजे पत्र में अधिवक्ता व उनके परिजनों के खिलाफ पुलिस द्वारा की गई अमानवीय पिटाई एवं क्रूरता के खिलाफ 16 व 17 मई को कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।
इसके बाद अधिवक्ता अग्रिम रणनीति की घोषणा करेंगे। बताते चलें कि शुक्रवार को बबेरू थाना क्षेत्र के पडरी गांव में नोटिस तामील कराने पहुंचे पुलिस कर्मियों के ऊपर ग्रामीणों द्वारा हमला किए जाने का आरोप है। इस मामले में पुलिस ने 14 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर 4 महिलाओं सहित 7 लोगों को जेल भेज दिया है।
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