बाँदा : पुलिसकर्मियों पर हमले के मामले में आया नया मोड़, वकीलों ने पुलिस के खिलाफ खोला मोर्चा
जनपद बांदा के बबेरू थाना क्षेत्र में शुक्रवार को पुलिसकर्मियों पर हुए हमले में गई गिरफ्तारी के बाद वकीलों ने पुलिस के खिलाफ..
जनपद बांदा के बबेरू थाना क्षेत्र में शुक्रवार को पुलिसकर्मियों पर हुए हमले में गई गिरफ्तारी के बाद वकीलों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वकीलों के मुताबिक जो लोग घटना में शामिल नहीं थे उन्हें भी घरों से पकड़ कर पीटा गया, महिलाओं बच्चों और गर्भवती महिला को भी बेरहमी से पीटा गया। साथ ही एक वकील को घर से पकड़ कर न सिर्फ पीटा गया बल्कि उसे आरोपी बनाया गया। वकीलों के भारी विरोध के चलते न्यायालय ने इसमें पुलिस को जांच कर वैधानिक कार्यवाही के आदेश दिए हैं।
यह भी पढ़ें - बाँदा : दुकान से सामान लेकर घर जा रही 5 वर्षीय मासूम के साथ युवक ने किया दुष्कर्म
बताते चलें कि बबेरू थाना क्षेत्र के सिमौनी में पुलिस चौकी अंतर्गत पडरी गांव में शुक्रवार को समन लेकर गए पुलिसकर्मी बृजेश कुमार, सुखबीर सिंह, सलमान खान और प्रवेश के साथ ग्रामीणों द्वारा मारपीट की गई थी। इस मामले में पुलिस ने 3 महिलाओं समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था। बाद में कुछ और लोगों की गिरफ्तारी कर शनिवार को न्यायालय में पेश करने अन्य पुलिसकर्मियों के साथ दरोगा आया था।
तभी जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बृजमोहन सिंह और महासचिव राकेश कुमार सिंह सहित दर्जनों वकील वहां पहुंच गए और सिमौनी चौकी के दरोगा के साथ नोकझोंक करने लगे। मामला तनावपूर्ण देखकर न्यायालय के बाहर भारी पुलिस बल और पीएसी के जवानों को तैनात कर दिया गया लेकिन अधिवक्ताओं का आक्रोश बढ़ता गया।
यह भी पढ़ें - उप्र डिफेंस कॉरिडोर : भारत डायनामिक्स मिसाइल व डेल्टा सेना की बंदूकों के लिए कारतूस बनाएगी
इस संबंध में जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बृजमोहन सिंह का कहना है कि जिन सिपाहियों पर हमले की बात की जा रही है वह गांव में सिविल ड्रेस में गए थे और किसी को पकड़ कर ले जाने लगे। ग्रामीण यह नहीं समझ पाए यह पुलिसकर्मी हैं। इसी बात को लेकर ग्रामीणों में और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई की घटना हुई। इसी तरह संघ के महासचिव राकेश कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट की घटना की आड़ में पुलिसकर्मियों ने महिलाओं बच्चों को घरों से पकड़ कर बुरी तरह मारा-पीटा है।
महिलाओं के आंतरिक अंगों में भी चोट पहुंचाई गई जो चलने में भी असमर्थ हैं। हमने न्यायालय से मांग की है इसके लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए और इनका मेडिकल कराया जाए साथ ही पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो। उन्होंने बताया कि पूरी घटना ग्राम प्रधान और दरोगा ने मिलकर रची है। इस मामले को लेकर आर पार की लड़ाई लड़ेंगे। इस बीच क्षेत्राधिकारी नगर राकेश कुमार सिंह ने बताया कि मारपीट की घटना में शामिल आरोपियों को आज न्यायालय में पेश किया गया। जहां न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार पूरे प्रकरण की जांच कर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
यह भी पढ़ें - नए कॉरिडोर से गाजियाबाद और कानपुर के बीच की दूरी अब महज 3 घंटे रह जाएगी