बाँदा : नाबालिगों को गिफ्ट या चॉकलेट देकर अपने जाल में फंसाते थे, इस दरिंदगी का मास्टरमाइंड है जेई

राउरकेला में तैनात रेलवे लोको पायलट अजीत कुमार और और इसके दो सहयोगियों की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के..

बाँदा : नाबालिगों को गिफ्ट या चॉकलेट देकर अपने जाल में फंसाते थे, इस दरिंदगी का मास्टरमाइंड है जेई

राउरकेला में तैनात रेलवे लोको पायलट अजीत कुमार और और इसके दो सहयोगियों की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के बाद, नाबालिगों के यौन शोषण का मामला फिर से सुर्खियों में है। इसका मास्टरमाइंड चित्रकूट के तैनात सिंचाई विभाग का जूनियर इंजीनियर राम भवन था। जिसकी पत्नी सहित गिरफ्तारी के बाद भी दरिन्दगी का यह खेल जारी रहा। पकड़े गए लोको पायलट अजीत कुमार और अजय कुमार के तार बांदा के राम भवन से जुड़े रहे।

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यह दरिंदे बच्चों को अपने जाल में फंसाने के लिए चॉकलेट या गिफ्ट देते थे। इसके बाद वीडियो गेम खेलने के लिए मोबाइल भी दे देते थे, जिनमें पोर्न वीडियो रहते थे। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 9 साल से 12 साल उम्र के 3 बच्चों के यौन शोषण के मामले में मंगलवार को राउरकेला में तैनात रेलवे लोको पायलट अजय कुमार, कथित मास्टरमाइंड अजय कुमार गुप्ता उसका साथी अवनीश कुमार सिंह (दोनों चंदौली) और सिंचाई विभाग में पूर्व जूनियर इंजीनियर राम भवन (बांदा) के खिलाफ चंदौली में मुकदमा दर्ज करा कर चार्जशीट दाखिल किया है। इस चार्जशीट में सीबीआई ने जो जांच के तथ्य रखे हैं। वह चौकानेवाले हैं। जिसमें स्पष्ट किया गया है कि यह लोग किस तरह से नाबालिगों को अपने जाल में फंसाते हैं।

यह लोग नाबालिगों से मित्रता पूर्वक बातचीत करके वीडियो गेम खेलने के लिए अपना मोबाइल दे देते हैं। उन्हें चॉकलेट, मिठाई या कुछ छोटे उपहार अथवा धन देकर प्रलोभन देते हुए अपने जाल में फंसा लेते हैं। मोबाइल गेम जरिए उन्हें पोर्न वीडियो दिखाकर ऐसा करने के लिए मजबूर करते हैं। बाद में उनके नग्न फोटो ले लेते हैं और उन्हें इसके बारे में किसी से कुछ कहने पर, गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी जाती है। इतना ही नहीं उन्हें आपस में  गतिविधियां करने के लिए उकसाते हैं। ताकि यौन गतिविधियों के इस कृत्य को रिकॉर्ड किया जा सके। इस तरह के कुकृत्य कहानी चंदौली के पीड़ित बच्चों ने सीबीआई के समक्ष बयां की है।

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ठीक इसी तरह से मास्टरमाइंड जूनियर इंजीनियर राम भगवान का अपराध सामने आया था। राम भवन व पत्नी दुर्गावती सामान्य गरीब घरों के बच्चों को प्रलोभन देकर अपने जाल में फंसाते थे। दोनों मिलकर नाबालिगों के कुकर्म में शामिल होते थे। जिसका लैपटॉप के कैमरे के जरिए वीडियो बनाते थे। नाबालिगों के साथ पत्नी संबंध बनाती और वह स्वयं भी नाबालिगों से कुकर्म करता था। विरोध करने पर मारता पीटता था। चिल्लाने पर उनका मुंह बंद कर देते थे। फिर मोटी रकम देकर जुबान बंद करा देते थे। इस कुकृत्य में उसकी पत्नी पूरा सहयोग करती थी। बांदा शहर में किराए का मकान लेकर, कभी बांदा तो कभी तैनाती स्थल चित्रकूट में यह कुकर्म लंबे समय तक चलता रहा। उसके घर में चित्रकूट, बांदा, प्रयागराज के लड़के आते थे। उक्त जेई के खिलाफ एक सैकड़ा नाबालिगों के यौन शोषण के आरोप थे।

सीबीआई 70 बच्चों तक पहुंच सकी और दो दर्जन बच्चों के बयान दर्ज किए थे। सीबीआई द्वारा मंगलवार को दायर की गई चार्जशीट में कहां गया है। आरोपी बनाए गए चारों व्यक्तियों ने 2015 एवं फरवरी 2016 की अवधि व आगे तक कई बार बाल यौन शोषण सामग्री (सीएसएएम) अर्थात बच्चों के अश्लील वीडियो को साझा किया। इससे साबित होता है कि पकडे गए आरोपियों के तार पहले से जुडे थे।राम भवन के पूर्व अधिवक्ता मनोज दीक्षित का कहना है कि सीबीआई द्वारा 25 पीड़ित बच्चों के 164 बयान दर्ज कराने के लिए न्यायालय में परमिशन मांगी गई थी। मेरे सामने तक 17 बच्चों के बयान दर्ज किए थे। अभी भी यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है।

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