उप्र उपचुनाव : अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में प्रत्याशी घोषित करेगी समाजवादी पार्टी
उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की तिथि तीन नवंबर घोषित होने के बाद समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में हलचल तेज हो गई है...
लखनऊ, (हि. स.)
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के दिल्ली प्रवास के कारण अभी इस सप्ताह उपचुनाव के लिए प्रत्याशी घोषणा नहीं होगी। अखिलेश यादव के लखनऊ आने के बाद अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी की घोषणा करेगी।
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समाजवादी पार्टी की तरफ से उपचुनाव को लेकर तैयारियां पहले से चल रही है 7 सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव में एक सीट पहले से ही समाजवादी पार्टी के कब्जे में रही है। जौनपुर के मल्हनी सीट पर समाजवादी पार्टी के नेता पारस नाथ यादव जीत कर विधानसभा आते रहे हैं, अब उनकी मृत्यु के बाद यह सीट खाली हुई है। उपचुनाव में फिर से यहाँ जनप्रतिनिधि तय हो जायेगा। समाजवादी पार्टी की नजर इस सीट पर फिर से जीत दर्ज करने पर है।
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माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी आगामी उपचुनाव में मल्हनी सीट पर पारसनाथ यादव के परिवार के ही किसी व्यक्ति को चुनाव लड़ा सकती है। इसके अलावा अन्य 06 सीटों पर भी जल्द ही प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया पूरी हो जायेगी।
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बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल 8 विधानसभा सीटें रिक्त है, जिसमें 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना तय हो गया है। इन 7 विधानसभा सीटों में से 6 विधानसभा सीटों पर भाजपा जीत हासिल करती रही है। वही एक सीट पर सपा का कब्जा रहा है।
उप्र में विधानसभा की सात सीटों पर उपचुनाव तीन नवम्बर को
चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा की सात सीटों के लिए मंगलवार को उपचुनाव की घोषणा कर दी। इन सीटों पर तीन नवम्बर को मतदान होंगे और नतीजे 10 नवम्बर को आएंगे। आयोग ने रामपुर के स्वार सीट के लिए अभी उपचुनाव की घोषणा नहीं की है।
उप्र की सातो सीटों के लिए अधिसूचना नौ अक्टूबर को जारी होगी और 16 अक्टूबर तक नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे। नामांकन पत्रों की जांच 17 अक्टूबर को होगी और नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 19 अक्टूबर है।
उप्र में जिन सात विधानसभा सीटों के लिए उप चुनाव की घोषणा हुई है, उनमें से पांच सीटों के विधायकों का निधन हो चुका है। उप चुनाव की ये हैं सीटें-
1- घाटमपुर - कानपुर देहात की घाटमपुर सीट से 2017 में योगी सरकार की मंत्री कमलरानी वरूण निर्वाचित हुई थीं। उनके निधन से यह सीट खाली हुई है।
2- नौंगाव सादात - अमरोहा जिले की नौंगाव सादात सीट से 2017 के चुनाव में चेतन चैहान भाजपा से विधायक चुने गये थे। वह भी योगी सरकार में मंत्री थे। कोरोना से उनका निधन हो गया। ऐसे में यह सीट इस समय रिक्त है।
3- मल्हनी - जौनपुर जिले की इस सीट से 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा के पारसनाथ यादव जीते थे। उनके निधन के कारण यह सीट खाली हुई है।
4- बांगरमऊ - उन्नाव जिले की इस सीट से चुनाव जीते कुलदीप सिंह सेंगर रेप कांड में दोषी साबित हुए हैं। ऐसे में उनकी सदस्यता खत्म हो जाने से यह सीट खाली हुई है।
5- देवरिया - भाजपा विधायक जन्मेजय सिंह के निधन के कारण यह सीट खाली हुई है।
6- टूण्डला - फिरोजाबाद जिले की टूण्डला सीट से निर्वाचित विधायक एसपी सिंह बघेल बाद में भाजपा से सांसद बन गये। इसके बाद से यह सीट खाली हो गई है।
7- बुलंदशहर - इस सीट से भाजपा के वीरेन्द्र सिंह सिरोही विधायक चुने गये थे। उनके निधन के कारण यह सीट खाली हुई है।
इसके अलावा रामपुर जिले की स्वार सीट पर भी उपचुनाव होना था लेकिन निर्वाचन आयोग ने वहां की घोषणा अभी नहीं की है। इस सीट से वरिष्ठ सपा नेता मो. आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम चुनाव जीते थे। लेकिन, कम उम्र साबित होने के कारण उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई है। ऐसे में यह सीट भी इस समय रिक्त है।