उप्र : कोरोना की तीसरी लहर से पहले कानपुर में दम तोड़ रहे वेंटीलेटर
वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर अभी पूरी तरह से खत्म ही नहीं हुई है कि तीसरी लहर की संभावना बढ़ गई है। इसको लेकर सरकार से लेकर..
कानपुर,
- प्रधानमंत्री केयर फंड से मेडिकल में आये 26 वेंटीलेटर नहीं कर रहे काम
वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर अभी पूरी तरह से खत्म ही नहीं हुई है कि तीसरी लहर की संभावना बढ़ गई है। इसको लेकर सरकार से लेकर प्रशासन तैयारियों में जुट गया है, लेकिन कानपुर में कैसे निपटा जाएगा, यह सवाल अभी गर्त में छुपा है।
इन सबके बीच चौकाने वाली खबर मेडिकल कॉलेज से आई है, जहां पर खराब वेंटीलेटर होने से एक बच्चे की मौत हो गई। इन खराब वेंटीलेटरों को लेकर विभागध्यक्ष बराबर प्राचार्य को पत्र लिख रहे हैं और प्राचार्य भी लाचार दिख रहे हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि कोरोना की तीसरी लहर से पहले दम तोड़ रहे कानपुर के वेंटीलेटर कैसे लोगों की जान बचा सकेगें।
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- विभागाध्यक्ष बराबर लिख रहे पत्र, प्राचार्य भी दिख रहे लाचार
उत्तर प्रदेश के प्रमुख मेडिकल कालेज में शुमार गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कालेज से संबंद्ध लाला लाजपत राय अस्पताल (हैलट) कानपुर परिक्षेत्र के करोड़ों लोगों के लिए आशा की किरण बना हुआ है। हालांकि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में यहां के स्टाफ ने बेहतर कार्य किया। यह अलग बात है कि तकनीकी सुविधाओं के आभाव से मरीजों को परेशान होना पड़ा।
अब तीसरी लहर की संभावना बढ़ गई है और वैज्ञानिक बराबर आगाह भी कर रहे हैं। इसको लेकर सरकार से लेकर प्रशासन भी चिंतित है और दावा किया जा रहा है कि कानपुर कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयार है। इन दावों की पोल उस समय खुल गई जब मेडिकल कालेज के हैलट अस्पताल के बाल रोग विभाग में एक बच्चे की उस समय मौत हो गई, जब वह वेंटीलेटर पर था और खराब वेंटीलेटर उसकी मौत का कारण बन गया।
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इस पर विभागाध्यक्ष ने प्राचार्य को पत्र लिखा और साफ किया कि यहां के वेंटीलेटर सही से काम नहीं कर रहे हैं और कंपनी के इंजीनियरों के सही करने के बाद भी बीच—बीच में वेंटीलेटर अचानक काम करना बंद कर देते हैं।
यह भी साफ कर दिया गया कि जिस बच्चे की वेंटीलेटर में मौत हुई है उसका कारण है कि बीच में वेंटीलेटर अचानक बंद हो गया। बाल रोग विभागाध्यक्ष ने दो बार पत्र लिखा है और नये वेंटीलेटरों की मांग की है। इसी तरह अन्य विभागों के विभागध्यक्षों द्वारा पत्र लिखे गयें और मांग की गई कि पीएम केयर फंड से आए वेंटीलेटरों को बदला जाए।
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- अप्रैल में मिले थे 26 वेंटीलेटर
पिछले वर्ष अप्रैल माह में जब कोरोना चरम पर था उस समय पीएम केयर फंड से मेडिकल कालेज को 26 एजीवीए वेंटीलेटर उपलब्ध कराये गये थे। कोरोना के पहले और दूसरे चरण में इन वेंटीलेटरों का प्रयोग किया गया, पर डाक्टरों की मानें तो इनमें से कोई भी वेंटीलेटर सही से काम नहीं कर रहे हैं।
इसको लेकर बराबर पत्राचार किया जा रहा है, पर इनकी स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है। जिसका नुकसान मरीजों को अपनी जान गवांकर उठाना पड़ रहा है। ऐसी स्थित में डाक्टरों को सीमित मात्रा में पुराने वेंटीलेटरों पर ही मरीजों की सेवाएं देनी पड़ रही हैं।
हालांकि खराब वेंटीलेटरों को लेकर कोई भी डाक्टर खुलकर सामने नहीं आ रहा है, पर सभी इन वेंटीलेटरों को लेकर नाखुश हैं। डाक्टरों का कहना है कि हमारे पास एल-3 लेवल कोविड अस्पताल में अति गंभीर मरीज आते हैं। जिनके फेफड़ों में गंभीर संक्रमण होता है। यह वेंटीलेटर यहां भर्ती मरीजों की जरुरत के मुताबिक ऑक्सीजन और वेंटीलेटन देने में सक्षम नहीं हैं।
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हि.स