हमीरपुर जिला मुख्यालय की 200 साल बाद भी नहीं बदली तस्वीर

हमीरपुर शहर का जिला मुख्यालय 200 साल बाद भी बदरंग है। ये प्रदेश का पहला शहर होगा जहां की तस्वीर आज तक नही...

हमीरपुर जिला मुख्यालय की 200 साल बाद भी नहीं बदली तस्वीर
फ़ाइल फोटो

हमीरपुर। हमीरपुर शहर का जिला मुख्यालय 200 साल बाद भी बदरंग है। ये प्रदेश का पहला शहर होगा जहां की तस्वीर आज तक नही बदल सकी। पिछले कई दशकों से हमीरपुर को रेलवे स्टेशन की सौगात के लिए यहां के सत्तर हजार से अधिक आबादी सरकार का मुंह ताक रही है। लोकसभा चुनाव से पहले एक समाजसेवी ने बड़ी मुहिम चलाई थी। करीब एक लाख पोस्टकार्ड जरिए मोदी सरकार को रेलवे स्टेशन की सुविधा मुहैया कराने की मांग की गई थी लेकिन ये मुहिम फेल हो गई है। अब राज्यसभा सांसद बाबूराम निषाद ने इसके लिए आवाज उठाई है। सांसद ने पीएम नरेन्द्र मोदी को ज्ञापन देकर हमीरपुर जिला मुख्यालय को रेलवे स्टेशन की सौगात दिलाए जाने की मांग की है।

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बुंदेलखंड का हमीरपुर जिला मुख्यालय विकास की दौड़ में सबसे पिछड़ा है। अस्सी हजार से अधिक आबादी वाले इस शहर की तस्वीर आजादी के अठत्तर साल में भी नहीं बदली। यहां कहने को तो एक रोजवेज बस स्टैण्ड है लेकिन हाइवे किनारे बस स्टैण्ड होने के कारणदिन भर जाम की समस्या से लोग जूझते रहते है। शहर के आसपास के शीतलपुर, बदनपुर, कुरारा, झलोखर, गिमुंहा, जल्ला, चकोठी समेत दर्जनों गांव है जहां के करीब दो लाख की आबादी के लिए एक रेलवे स्टेशन की सुविधा तक नहीं है। ब्रिटिश जमाने के यह शहर यमुना और बेतवा नदियों से घिरा है। दोनों नदियों में कई दशक पहले एक-एक पुल बने थे जो मौजूदा में जर्जर हो चुके है। कानपुर और लखनऊ जाने के लिए यही पुल यहां के लाखों लोगों के लिए लाफलाइन है। लेकिन इन पुलों के कई बार दरकने से महीनों तक लोगों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ी। कानपुर-सागर नेशनल हाइवे के यमुना और बेतवा नदियों में बनेपुलों पर आए दिन भारी वाहनों का जाम भी लगता है। राज्यसभा सांसद बाबूराम निषाद ने हमीरपुर जिला मुख्यालय में रेलवे स्टेशन की सौगात दिलाने समेत तमाम मुद्दे राज्यसभा में उठाए है।

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रेलवे स्टेशन न होने से बस व अन्य साधनों से लोग करते है सफर

हमीरपुर जिला मुख्यालय में रेलवे स्टेशन की सुविधा के लिए पिछले कई दशकों से समाजसेवी लोग केन्द्र सरकार को ज्ञापन दे रहे है लेकिन इस समस्या के लिए सरकार ने कोई पहल तक नहीं की। हमीरपुर के भाजपा से जुड़े समाजसेवी नीरज मिश्रा, प्रकाश चन्द्र ओमर ने नगरवासियों की मदद से करीब एक लाख पोस्टकार्ड जरिए मोदी सरकार को ज्ञापन भेजकर रेलवे स्टेशन बनाए जाने की मांग की लेकिन सरकार की तरफ से कोई फैसला नहीं लिया जा सका। रेलवे की सुविधा न होने के का$रण लोग मजबूरी में बस व अन्य साधनों से सफर करते है।

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राज्यसभा सांसद ने अब रेलवे स्टेशन बनाए जाने को लेकर की बड़ी पहल

हमीरपुर जिले के रहनेवाले बाबूराम निषाद राज्यसभा सांसद है। कुछ दिन पहले सांसद ने पीएम नरेन्द्र मोदी से मिलकर उन्हे एक लेटर दिया था। उन्होंने पीएम को जानकारी दी कि हमीरपुर जिला मुख्यालय में रेलवे स्टेशन नहीं है। जबकि जिला मुख्यालय बने दो सौ साल बीत चुके है। यहां से बड़ी संख्या में लोग कामतानाथ के दर्शन करने चित्रकूट जाते है लेकिन रूट पर कोई भी ट्रेन नही है। वहीं चित्रकूट, बांदा, सुमेरपुर, हमीरपुर रोड, घाटमपुर तथा भीमसेन वाया कानपुर सेन्ट्रल होते हुए नई दिल्ली के लिए रेल मार्ग पर एक ट्रेन भी नहीं चलती है।

हिन्दुस्थान समाचार 

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