जीव और ब्रह्म के मिलने को ही कहते है महारास : बलुआ महाराज

जिला मुख्यालय के एसडीएम कॉलोनी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में प्रवक्ता बलुआ महाराज ने रास पंचम अध्याय...

Dec 10, 2023 - 23:05
Dec 10, 2023 - 23:09
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जीव और ब्रह्म के मिलने को ही कहते है महारास : बलुआ महाराज

रास पंचम अध्याय का कथा प्रवक्ता ने बताया महत्व

चित्रकूट। जिला मुख्यालय के एसडीएम कॉलोनी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में प्रवक्ता बलुआ महाराज ने रास पंचम अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय हैं। उनमें गाये जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण हैं जो भी ठाकुर जी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है वह भव से पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है।

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कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध, उधव गोपी संवाद, ऊधव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, द्वारिका की स्थापना एवं रुक्मणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण पाठ किया गया। 

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कथा के दौरान व्यास जी ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला के द्वारा ही जीवात्मा परमात्मा का ही मिलन हुआ। जीव और ब्रह्म के मिलने को ही महारास कहते है। कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। उन्होंने कहा कि आज लोग गर्भ में पल रहे बेटियों की हत्या कर देते हैं। इससे बड़ा पाप कुछ नही होता और उन लोगों का जीवन हमेशा दुखमय ही रहता है। इसलिए भ्रूण हत्या कभी नही करना चाहिए।

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इस अवसर पर मुख्य यजमान रामसूरत पयासी, सावित्री देवी, राधेरमण पयासी, निरंजन मिश्र, सत्यप्रकाश द्विवेदी, रोहित कुमार मिश्र, प्रशांत कुमार द्विवेदी, प्रभाकर द्विवेदी, लवकुश मिश्र, अमित द्विवेदी आदि श्रोतागण मौजूद रहे।

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