राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा में मनाई गई सर सी वी रमन जी की जयंती

आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन समिति, विज्ञान क्लब राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा एवं विज्ञान भारती बाँदा-चित्रकूट...

राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा में मनाई गई सर सी वी रमन जी की जयंती

सर सी वी रमन के ‘‘रमन प्रभाव‘‘ ने वैश्विक पटल पर वैज्ञानिकों को दी नई दिशा

विद्यार्थियों ने सर सी वी रमन के जीवन आदर्शों को आत्मसात करने का लिया संकल्प

इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 2024 में प्रतिभाग करने हेतु किया गया प्रेरित

अतर्रा (बाँदा)।आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन समिति, विज्ञान क्लब राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा एवं विज्ञान भारती बाँदा-चित्रकूट विभाग के तत्वावधान में नोबेल पुरस्कार विजेता और महान भारतीय वैज्ञानिक सर सी वी रमन जी की जयंती पर एक कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के सेमिनार हाल में किया गया। इस अवसर पर सर सी वी रमन के जीवन पर आधारित डाक्यूमेंट्री का प्रसारण किया गया और विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में उनके योगदान से प्रेरणा लेने का संकल्प लिया गया। साथ ही, आगामी इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 2024 में छात्रों को प्रतिभाग करने के लिए प्रेरित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और उपस्थित अतिथियों का स्वागत कर किया गया। छात्र नितिन वर्मा ने सर सी वी रमन के जीवन और उनकी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर एस. पी. शुक्ल ने अपने संबोधन में कहा कि रमन प्रभाव का आविष्कार करके सर सी वी रमन ने वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय को एक नई दिशा दी है, जो आज हमारे लिए गौरव का विषय है। उनके जीवन से नई पीढ़ी को यह सीखना चाहिए कि अनुसंधान में संसाधनों से अधिक कठिन परिश्रम और लगन की आवश्यकता होती है।

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विज्ञान भारती के क्षेत्रीय सचिव आशुतोष सिंह ने कहा कि विज्ञान भारती का उद्देश्य भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान को उजागर करना और स्वदेशी विज्ञान की चेतना को समाज में जागरूक करना है। सर सी वी रमन ने अपने अनुसंधानों से भारतीय मेधा का परचम विश्व में लहराया, जिससे भारत को एक नई पहचान मिली।

इस अवसर पर डॉ. रेखा बाजपेयी ने चिकित्सा क्षेत्र में रमन प्रभाव के उपयोगों पर चर्चा की और कहा कि इसके माध्यम से कई रोगों का इलाज संभव हो पाया है। प्रोफेसर जगन्नाथ पाठक ने कृषि क्षेत्र में रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी के उपयोगों पर जानकारी दी और बताया कि इससे फसलों की उत्पादकता में वृद्धि होगी।

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डॉ. सी. एल. उपाध्याय ने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे अपनी रुचियों के अनुरूप लक्ष्यों का निर्धारण कर दृढ़संकल्प के साथ आगे बढ़ें। संस्थान के कुलसचिव डॉ. आशुतोष तिवारी ने इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 2024 के बारे में जानकारी देते हुए छात्रों को अधिकाधिक पंजीकरण के लिए प्रोत्साहित किया।

कार्यक्रम का संचालन राजेश सिंह ने किया और विज्ञान क्लब एवं विज्ञान भारती के सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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