पंजाब से अपहरण व हत्या कर भागे मास्टर मांइड को कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन से पुलिस ने पकड़ा
पंजाब में किसी युवक का अपहरण करने के मुख्य अभियुक्त ट्रेन से बिहार भागने की फिराक में थे...

- एडीसीपी सोमेंद्र मीणा ने कई थानों के फोर्स के साथ की घेराबंदी
पंजाब में किसी युवक का अपहरण करने के मुख्य अभियुक्त ट्रेन से बिहार भागने की फिराक में थे। पंजाब पुलिस की सूचना पर एक्टिव हुई कमिश्नरेट कानपुर नगर पुलिस ने सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेन की घेराबंदी कर ली। पंजाब पुलिस द्वारा भेजी गई एक अभियुक्त की फोटो से उसे पकड़ लिया गया लेकिन दूसरा मौका देखकर कहीं भाग निकला।
- अपराध करने के बाद बिहार जाने की फिराक में थे अभियुक्त
पंजाब की लुधियाना पुलिस द्वारा कानपुर पुलिस को सूचना दी गई कि दो अभियुक्त, जिनका नाम शत्रुघ्न कुमार निवासी बिहार के वैशाली, जिला रायपुर और राकेश यादव हैं। दोनों थाना मछियावड़ा जनपद लुधियाना से अपहरण के मुकदमे में वांछित है। दोनों अभियुक्त ट्रेन संख्या 02380 से बिहार भागने की फिराक में है। इस सूचना के मिलते ही पुलिस कमिश्नरेट कानपुर नगर के एडीसीपी सोमेंद्र मीणा भारी भरकम फोर्स के साथ ट्रेन के कानपुर सेंट्रल आने के पहले ही पहुंच गये। जैसे प्लेटफॉर्म नम्बर 05 पर ट्रेन आई वैसे ही उसकी घेराबंदी करके चेकिंग शुरू कर दी और कुछ ही देर में अभियुक्त को दबोच लिया।
- मौके से पुलिस को देख किडनैपर का एक साथी फरार
पकड़े गये अभियुक्त की पहचान वैशाली बिहार निवासी शत्रुघ्न कुमार के रूप में हुई। पूछताछ में उसने बताया कि पंजाब पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिये वह भाग रहा था। उसने बताया कि उसके साथ ही दूसरा अभियुक्त राकेश यादव भी सफर कर रहा था। लेकिन प्लेटफॉर्म में भीड़ का फायदा उठाकर भाग निकला। अभियुक्त के पकड़े जाने की सूचना पंजाब पुलिस को दे दी गई है। पंजाब पुलिस अभियुक्त को लेने कानपुर आ रही है।
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इस मामले में एडिशनल पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि पंजाब पुलिस से सूचना मिलते ही पुलिस की विशेष टीम बनाकर तत्काल मौके पर भेजा गया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल कानपुर में पुलिस कागजी कार्रवाई करने के बाद आरोपी को पंजाब पुलिस को सौंप देगी।
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- कमरे के पिछले हिस्से में दफनाया शव
मामले में कलक्टरगंज थाना प्रभारी संजीव कांत मिश्रा के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी ने शत्रुघन ने बताया कि वह साथी राकेश के साथ पंजाब की एक फैक्ट्री में काम करता था। आर्थिक तंगी के चलते दोनों ने सहयोगी प्रमोद के बेटे नीतिश (18) का अपहरण कर लिया। दोनों ने 10 लाख रुपये की फिरौती भी मांगी थी। इसके बाद अपने खाते में 25 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। पुलिस ने मोबाइल नंबर और अकाउंट संख्या के आधार पर दबिश देना शुरू किया तो आरोपियों ने नीतीश की हत्या कर दी। उन लोगों ने शव को कमरे के पिछले हिस्से में दफना दिया था। इसके बाद दोनों बिहार अपने गांव जाने के लिए ट्रेन से भाग रहे थे।
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