बुन्देलखण्ड में जुलाई से दौड़ सकती हैं पैसेंजर ट्रेनें
बुन्देलखण्ड में झांसी को छोड़कर सभी रेलवे स्टेशन सूने पड़े हैं। झांसी से प्रयागराज और कानपुर से चित्रकूट के मध्य कोई ट्रेन न चलने से सभी रेलवे स्टेशन सूने पड़े हैं। जुलाई में इन स्टेशनों में चहल पहल बढ़ सकती है क्योंकि जुलाई में रेलवे बोर्ड सभी जोन में पैसेंजर ट्रेन चलाने की तैयारी कर रहा है।
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रेलवे बोर्ड द्वारा 1 जुलाई से फिलहाल 200 किलोमीटर के दायरे में पैसेंजर ट्रेन चलाने की योजना बना रहा है।इसके तहत ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए निर्धारित दूरी के हिसाब से ही आरक्षित टिकट यात्रियों को जारी किए जाएंगे। इन ट्रेनों के चलने से लोगों को आसपास के क्षेत्रों में जाने की सुविधा हो जाएगी।
कोविड-19 महामारी के चलते रेलवे बोर्ड ने 23 मार्च को मेल एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से बंद कर दिया था। बाद में रेलवे में 1 मई से अलग-अलग शहरों में फंसे श्रमिक मजदूरों व कामगारों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकारों की मदद से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जो 30 जून तक चलेगी। इसी तरह 12 मई से अप और डाउन 30 राजधानी ट्रेने चलाई गई। इनमें अप और डाउन की 8 ट्रेने झांसी होकर गुजर रही है।
1 जून से 200 अप और डाउन की मेल एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया। इनमें अप और डाउन की 28 ट्रेने झांसी होकर गुजर रही है, लेकिन इनमें से कोई भी ट्रेन बुंदेलखंड के मऊरानीपुर, महोबा, झांसी,बांदा चित्रकूट, मानिकपुर, होकर प्रयागराज नहीं जा रही। इसी तरह बांदा का संपर्क कानपुर से भी कटा हुआ है जिससे ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
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