लोस चुनाव : हमीरपुर-महोबा सीट पर हैट्रिक लगाने को भाजपा ने शुरू की नुक्कड़ सभाएं

हमीरपुर-महोबा लोकसभा सीट के लिए प्रमुख दलों के प्रत्याशियों ने अब चुनाव प्रचार तेज कर दिया है...

May 4, 2024 - 02:25
May 4, 2024 - 02:42
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लोस चुनाव : हमीरपुर-महोबा सीट पर हैट्रिक लगाने को भाजपा ने शुरू की नुक्कड़ सभाएं

भाजपा समेत प्रमुख दलों के गढ़ में सेंधमारी शुरू

हमीरपुर। हमीरपुर-महोबा लोकसभा सीट के लिए प्रमुख दलों के प्रत्याशियों ने अब चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। मौजूदा सांसद और भाजपा प्रत्याशी जहां इंडी गठबंधन पार्टी के गढ़ में जातीय समीकरण बनाने में जुट गए हैं, वहीं उनके मजबूत गढ़ में साइकिल को रफ्तार देने में कांग्रेस और सपा जुटी हुई है। एक दूसरे के गढ़ में चुनाव प्रचार के बीच सेंधमारी करने का खेल भी शुरू हो गया है।

हैट्रिक लगाने के लिए गांवों में अब भाजपा ने शुरू की नुक्कड़ सभाएं

हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी संसदीय सीट पर पिछले दस सालों से भाजपा के पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल का कब्जा है। इस सीट पर हैट्रिक लगाने के लिए वह तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं। इस बार भी इस सीट पर कमल खिलाने के लिए भाजपा के छोटे बड़े नेताओं ने बड़ी रणनीति बनाई है। मोदी सरकार की योजनाओं को लेकर भाजपा के तमाम पदाधिकारी गांव-गांव तक दस्तक दे रहे हैं। पार्टी कार्यकर्ता प्रत्याशी के साथ गांवों में नुक्कड़ सभाएं कर चुनावी समीकरण बनाने में जुटे हैं।

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उल्लेखनीय है कि हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी संसदीय क्षेत्र में भाजपा ने मौजूदा सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल पर तीसरी बार दांव लगाया है, जबकि कांग्रेस और सपा के गठबंधन में इस बार अजेन्द्र सिंह राजपूत को चुनाव मैदान में उतारा है। यहां मतदान पांचवें चरण में बीस मई को होने है, लेकिन अभी तक भाजपा और इंडी गठबंधन पार्टी के ही प्रत्याशी चुनावी महासमर में जातीय समीकरण बनाने में जुटे हैं। बसपा से अभी तक प्रत्याशी चुनाव मैदान में न आने के कारण उससे जुड़े मतदाता असमंजस में दिखाई दे रहे हैं।

हमीरपुर-महोबा संसदीय सीट पर हैट्रिक लगाने के लिए चुनाव मैदान में आए पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल महोबा जिले के रहने वाले हैं, जबकि कांग्रेस और सपा के गठबंधन से पहली बार चुनाव लड़ने आए अजेन्द्र सिंह राजपूत भी महोबा के रहने वाले हैं। इन दोनों का मजबूत जनाधार है, लेकिन जातीय समीकरण अभी किसी भी प्रत्याशी के पक्ष में बनते दिखाई नहीं दे रहा है। फिलहाल दोनों ही प्रत्याशी तपती धूप में क्षेत्र में चुनाव प्रचार में जुटे हैं। चुनावी घमासान में सपा और बसपा प्रत्याशी भाजपा को नुकसान पहुंचाने के लिए उन्हीं के गढ़ में दस्तक दे रहे हैं। अबकी बार भाजपा का वेस वोट माने जाने वाला ब्राह्मण मतदाता अभी साइलेंट मोड में है। यदि जातीय समीकरण में यह इधर उधर बिखरा तो भाजपा की चुनावी गणित बिगड़ सकती है। फिलहाल अभी मतदान के सोलह दिन रह गए हैं। ऐसे में सभी प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत लगाई है।

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लोधी बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को लग सकता है झटका

लोकसभा की इस सीट में हमीरपुर, राठ, महोबा, चरखारी और तिंदवारी विधानसभाएं आती हैं। खासतौर पर राठ और चरखारी विधानसभा क्षेत्र लोधी बाहुल्य है जहां लोधी मतदाता इस बार लामबंद होता नजर आ रहा है। संसदीय क्षेत्र में 1.49 लाख से अधिक है। इनमें हमीरपुर जिले में साढ़े 84 हजार से अधिक लोधी मतदाता है वहीं महोबा जिले में 65 हजार से अधिक लोधी मतदाता है। जिनके खिसकने से भाजपा प्रत्याशी को अबकी बार बड़ा झटका लग सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार

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