झाँसी : किसी का पानी, किसी का नल...जल संस्थान ने की हलचल

पथरीला क्षेत्र होने के कारण बुंदेलखंड हमेशा से सूखा ग्रस्त रहता है...

झाँसी : किसी का पानी, किसी का नल...जल संस्थान ने की हलचल
फाइल फोटो

पथरीला क्षेत्र होने के कारण बुंदेलखंड हमेशा से सूखा ग्रस्त रहता है, हालात यहां तक हो जाते हैं कि गर्मियों मई - जून में जब पानी की अधिक आवश्यकता होती है तब नलों में पानी की सप्लाई नहीं हो पाती कुओं एवं हैंड पंप का पानी उतर जाता है। कई क्षेत्र कई मोहल्ले प्यासे रहकर सिर्फ पानी की आस लगाते हैं।

वहीं दूसरी ओर वानिकी अनुसंधान केंद्र झांसी में पानी की अति आवश्यकता चलते हुए अनुसंधान केंद्र द्वारा पानी के लिए जल संस्थान द्वारा अपनी एक अलग से लाइन ली ताकि पानी की कमी के कारण किसी भी अनुसंधान में कोई रुकावट न हो, जिसका खर्च वानिकी अनुसंधान केंद्र झांसी द्वारा स्वयं वहन किया गया तथा 24 घंटा लगातार पानी का बिल भी अनुसंधान केंद्र द्वारा जल संस्थान को प्रतिमाह दिया जाता है।

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वहीं दूसरी ओर यह देखा जा रहा है कि वानिकी अनुसंधान केंद्र को जाने वाली पाइपलाइन से निजी कॉलोनी में रहने वाले घरों में पानी को बेचा जा रहा है। यह जानकारी तब हुई जब एक व्यक्ति द्वारा जिला अधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए बताया की सर्वे नगर कॉलोनी में पूर्व महाप्रबंधक द्वारा सुविधा शुल्क लेकर 24 घंटे लगातार पानी की व्यवस्था की गई है और यह व्यवस्था वानिकी अनुसंधान केंद्र झांसी की लाइन से जोड़कर दी गई है जबकि रानी लक्ष्मी बाई विश्व विधालय द्वारा उसी पाइप लाइन से कनेक्शन मांगने पर जल संस्थान द्वारा यह कहकर मना कर दिया गया था कि वह वानिकी अनुसंधान की निजी लाइन है जिससे उसे काटकर पानी नहीं दिया जा सकता।

water resources department jhansi

उसी पाइपलाइन को सड़क चौड़ीकरण का बहाना बनाकर  उक्त पाइपलाइन को टूटा बताकर अनुसंधान केंद्र झांसी को पानी देना बंद कर दिया गया और उस समय इस पाइपलाइन से ग्वालियर रोड पर मिशन कंपाउंड के गेट पर सरवरिया मिठाई वाले की दुकान के सामने से रात्रि में में लाइन से एक 5 इंच मोटी पाइप लाइन डालकर लगातार अवैध रूप से सर्व नगर को पानी बेचा जा रहा है जिससे शहर में तो पानी की कमी हो ही रही है साथ ही वानिकी अनुसंधान केंद्र को भी कम जल मिल रहा है और एवं इसी पीने के पानी से सर्व नगर जार पहाड़ के आसपास ऊंची ऊंची कई इमारतें का भी निर्माण किया जा रहा है जिसका कोई भी पैसा सरकार के खाते में जमा नहीं किया जा रहा।

शिकायतकर्ता ने शिकायत में यह भी बताया कि अगर इसकी मौके पर जांच की जाए तो वानिकी अनुसंधान केंद्र को जाने वाली पाइपलाइन से जोड़कर सर्व नगर में पानी दिया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार शिकायत करने के बाद शिकायती पत्र देने के बाद उक्त पाइपलाइन से सर्व नगर कॉलोनी में जाने वाले पानी को रोक दिया गया था किंतु आज सुबह जल संस्थान के लिए कार्य करने वाले किसी निजी कर्मचारियों द्वारा वह पाइपलाइन फिर चालू कर दी गई जैसा की तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा है कि तस्वीर लेते समय उसने अपना चेहरा घुमा लिया है।

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अब सवाल यह उठता है कि पूर्व महाप्रबंधक द्वारा कई लाख रुपया लेकर 24 घंटे लगातार पानी देने का वायदा कर जल संस्थान के पानी की चोरी करना।

इस पर जांच कर कोई कार्यवाही होती है या नहीं ?

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