झांसी रेल मंडल को मिलेंगे 25 नए इंजन, ब्रेक लगने पर इनसे पैदा होगी बिजली
झांसी रेल मंडल को इस माह से डब्यूएजी - 7 पीढ़ी के नए इंजन मिलने शुरू हो जाएंगे। यह इंजन भेल के झांसी स्थित कारखाने..
झांसी रेल मंडल को इस माह से डब्यूएजी - 7 पीढ़ी के नए इंजन मिलने शुरू हो जाएंगे। यह इंजन भेल के झांसी स्थित कारखाने में बनाए जा रहे हैं। भेल रेल मंडल को 25 रेल इंजन मुहैया कराएगा। यह आधुनिक रेल इंजन न सिर्फ बिजली की खपत कम करेंगे बल्कि इनमें इस्तेमाल हुई तकनीक की मदद से इंजन के ब्रेक लगने पर बिजली भी पैदा होगी, जिसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।
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री-जनरेटिव एनर्जी सिस्टम पर आधारित यह लोको भेल ने प्रयोग के तौर पर बनाया था। भेल अफसरों के मुताबिक डब्ल्यूएजी-7 (5000 हार्स पावर) श्रेणी के यह इंजन परीक्षण में सफल मिले। अब इनका सामान्य प्रयोग शुरू होगा। अभी इलेक्ट्रिक लोको डायनेमिक ब्रेकिंग सिस्टम पर काम करते हैं। ब्रेक लगने के दौरान भारी मात्रा में गर्मी पैदा होती है लेकिन, यह बेकार हो जाती है।
इसी को बिजली में बदलने संबंधी प्रणाली विकसित की गई है। नए डब्ल्यूएजी-7 इसके माध्यम से बिजली पैदा करेंगे। इसके साथ ही इनकी एक खूबी यह है कि एयर ब्रेक का इस्तेमाल किए बिना ट्रेन धीमी हो सकेगी। ब्रेक और पहिये भी कम घिसेंगे। ज्यादा मरम्मत नहीं करनी होगी। उपमहाप्रबंधक, भेल दिनेश परते ने बताया कि यह सभी इंजन मेक इन इंडिया के तहत बनाए जा रहे हैं। इसके इस्तेमाल से रेलवे के बिजली बिलों में काफी बचत होगी।
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