एक सप्ताह बारिश न हुई तो बांदा होगा सूखाग्रस्त घोषित, सूखे से निपटने को कार्य योजना तैयार
जनपद बांदा में बारिश न होने से एक बार फिर सूखे के आसार नजर आ रहे हैं। जिलाधिकारी अनुराग पटेल में इस सिलसिले में..
जनपद बांदा में बारिश न होने से एक बार फिर सूखे के आसार नजर आ रहे हैं। जिलाधिकारी अनुराग पटेल में इस सिलसिले में सोमवार को बैठक कर सूखे से निपटने के लिए कार्य योजना बनाई और कहा कि अगर एक सप्ताह और बारिश नहीं होती तो यह जनपद सूखाग्रस्त घोषित हो जाएगा। इस सिलसिले में उन्होंने अपने अधीनस्थ अधिकारियों और संबंधित विभागों से सूखे से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। वहीं सूखे तालाबों को नहर चलाकर भरवाने और पशुओं के लिए चारा का प्रबंध करने को कहा है।
यह भी पढ़ें - बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के बाद अब सात एक्सप्रेस वे बनने वाले हैं, जानिये इनके बारे में
इस सिलसिले में जिलाधिकारी बांदा अनुराग पटेल की अध्यक्षता में सम्भावित सूखे एवं बाढ को दृष्टिगत रखते हुए सभी तैयारियां पूरी किये जाने के सम्बन्ध में बैठक कलेक्टेªट सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि यदि आगामी एक सप्ताह के अन्दर अगर वर्षा नही होती है, तो जनपद को सूखा ग्रस्त घोषित कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि जून माह में औसत वर्षा लगभाग 73.3 एमएम होना चाहिए जिसके सापेक्ष माह जून, 2022 में औसत वर्षा 20.01 एमएम हुई है। जुलाई माह में औसत वर्षा 300.7 एमएम के सापेक्ष माह जुलाई, 2022 में 16 जुलाई तक औसत वर्षा 4.4 एमएम हुई है।
जिलाधिकारी श्री पटेल ने सूखे की स्थिति में होने वाली बीमारियों से बचाव को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिये कि संक्रामक रोंगो एवं महामारियों से बचाव के लिए जीवन रक्षक दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखी जायें। उन्होंने समस्त अधिकारियों एवं जनपद वासियों से अपेक्षा किया कि 18 वर्ष से 45 आयु वर्ष के बीच जिन्होंने बूूस्टर डोज नही लिया है वे शीघ्र बूस्टर डोज लगवा लें। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि सूखे की कार्ययोजना की तैयारी शासनादेशों के अनुरूप कर ली जाए।
यह भी पढ़ें - पीएम को पत्र भेजने के बाद देश के सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूल बैग पॉलिसी 2020 लागू करने का अनुरोध
लेखपालों द्वारा सूखे से प्रभावित क्षेत्र का आंकलन, सूखे से बचने के लिए कृषि प्रधान क्षेत्रों में चारागाह तथा दुग्ध उद्योग का विकास, ऐसे फसलों को उपजाया जाना चाहिए जो शुष्क इलाकों में पैदा की जा सकें जिनमें पानी की आवश्यकता कम हो। उन्होने कन्ट्रोल रूम की स्थापना करने, शुद्धपेय जल की व्यवस्था को हैण्डपम्प, ट्यूबबेल, स्टैण्ड पोस्ट, कुआं, समरसेबल जो कुओं में स्थापित है तथा जो खराब दशा में हैं, उन्हें तत्काल ठीक कराने के निर्देश दिये। अधिशाषी अधिकारी जल संस्थान को निर्देश दिये कि जो टैंकर खराब हैं उन्हें एक सप्ताह में ठीक करायें, अधिशाषी अभियंता सिंचाई से कहा कि जनपद के जो तालाब सूख गये एवं खाली पडे हुए हैं उन्हें एक सप्ताह के अन्दर नहरें चलवाकर भरवा दें।
अधिशाषी अभियंता राजकीय नलकूप से कहा 11 खराब नलकूपों को तीन दिन में ठीक करायें। बैठक में उन्होने खटान एवं अम्लीकौर पाइप पेयजल परियोंजना की समीक्षा की। इसके साथ ही मिट्टी के तेल, डीजल आदि की भी समुचित व्यवस्था करने और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से चारे-भूसे की व्यवस्था तथा पशुओं के बीमारी से बचाव को टीकाकरण की व्यवस्था करने को कहा है। बैैठक में मुख्य विकास अधिकारी वेद प्रकाश मौर्या, अपर जिलाधिकारी वि/रा उमाकान्त त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे एमपी सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिल श्रीवास्तव, डीसी मनरेगा राघवेन्द्र तिवारी सहित जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
यह भी पढ़ें - बांदा : बिन ब्याही मां बनी नाबालिग ने कहा अब बच्चे को लेकर फूफा के पास जाऊंगी, कौन है कथित फूफा जानिए