- प्रसव पीड़ा के दौरान पति पड़ोसियों से मदद के लिये लगाता रहा गुहार
सूचना पर मौके पर पहुंची 108 एम्बुलेंस के पायलट और ईएमटी ने किसी तरह जच्चा और बच्चा को एम्बुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाये, जहां नवजात बच्चे की मौत हो गयी। प्रसूता ने भी सदर अस्पताल पहुंचने से पहले दम तोड़ दिया। जच्चा और बच्चा की मौत से पति बदहवाश है। उसने गांव की आशा बहु पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाये हैं।
मौदहा ब्लाक के गहरौली खुर्द गांव निवासी राममिलन ने लेवा गांव निवासी संगीता से दो साल पहले प्रेम विवाह किया था। ये मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करता है। भूमिहीन राममिलन के माता पिता भी नहीं है। ये अपनी पत्नी के साथ अलग घर में रहता है। रविवार को सुबह प्रसव पीड़ा होने पर राममिलन गांव की आशा बहु को बुलाने गया था लेकिन वह नहीं आयी। प्रसव होने के बाद दोबारा वह आशा बहु को बुलाने गया लेकिन आशा बहु के पति ने उसे भगा दिया। अपनी पत्नी को तड़पता देख वह रोने लगा।
- अपने सामने पत्नी और बच्चे की मौत देख बदहवाश हुआ पति, लगाये गंभीर आरोप
इसी बीच सूचना पर सुमेरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से 108 एम्बुलेंस दोपहर गांव पहुंची जहां पायलट बलराम व ईएमटी अनिल कुमार महिला और बच्चे को गंभीर हालत में देख सहम गये। इन दोनों ने पड़ोसी महिलाओं से मदद करने को कहा लेकिन कोई भी मदद करने आगे नहीं आया।
पायलट और ईएमटी ने पहले नवजात बच्चे को एम्बुलेंस में लिटाया फिर महिला को उठाकर एम्बुलेंस में लिटाया। दोनों को मौदहा स्थित सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने नवजात बच्चे को मृत घोषित कर दिया। महिला को भी हालत नाजुक होने पर सदर महिला अस्पताल के लिये रेफर कर दिया गया। अस्पताल लाया गया जहां उसने भी दम तोड़ दिया। इस घटना से पति दहाड़े मारकर रोने लगा।
सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा.अनिल कुमार सचान ने बताया कि राममिलन आशा बहु से अभद्रता कर रहा था इसीलिये वह नहीं गयी। बाद में एएनएम घर पहुंची और प्रसूता को अस्पताल लायी थी। राममिलन ने आरोप लगाया कि पड़ोसियों और गांव की आशा बहु से मदद करने की गुहार लगायी गयी थी लेकिन किसी ने भी मदद नहीं की। आशा बहु के पति ने भी उसे भगा दिया था।
- छोटी जाति के होने के कारण प्रसूता को हाथ लगाने भी नहीं पहुंचे गांव के लोग
एम्बुलेंस के ईएमटी अनिल कुमार ने आज शाम बताया कि काल आने के बाद मौके पर पहुंचकर देखा कि नवजात बच्चा अलग पड़ा है और मां दर्द से छटपटा रही है। पड़ोसियों से भी मदद करने को कहा तो कोई पास नहीं आया। मजबूरी में दोनों को खुद एम्बुलेंस में लिटाकर अस्पताल पहुंचा गया था। रास्ते में प्रसूता की हालत गंभीर थी जिस पर आक्सीजन भी दी गयी थी। उसका कहना है कि प्रसूता छोटी जाति की थी इसीलिये पड़ोस के लोगों ने प्रसव पीड़ा के समय कोई मदद नहीं की है।
हिन्दुस्थान समाचार