राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बांदा, बुंदेलखंड का पहला स्टार्टअप इनक्यूबेटर बनेगा
बुंदेलखंड के उन छात्रों के लिए खुशखबरी है जो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कुछ नया करना चाहते हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने स्टार्टअप..
बुंदेलखंड के उन छात्रों के लिए खुशखबरी है जो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कुछ नया करना चाहते हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने स्टार्टअप नीति 2020 के तहत प्रदेश में सात नए इनक्यूबेटर को मंजूरी दी है इनमें बांदा का राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज भी शामिल है।
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स्टार्टअप सेल के कोऑर्डिनेटर बनाए गए अभिजीत सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्टार्टअप इकोसिस्टम नई यूपी स्टार्टअप नीति के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के सात नए इनक्यू्वेटर सेंटरों को मंजूरी दी गई है, जिन केंद्रों को मंजूरी दी गई है उनमें अटल इनोवेशन आर्किटेक्ट बनारस हिंदू उपन्यास, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बांदा, स्टार्टअप वेयर हाउस नोएडा, जयपुरिया इंस्टीट्यूट लखनऊ, महर्षि सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय लखनऊ, जीएलए यूनिवर्सिटी मथुरा व कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज गाजियाबाद शामिल है।
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इस बारे में कोऑर्डिनेटर अभिजीत सिंह ने बताया कि इस सेंटर का उद्देश्य यह है कि अगर कोई छात्र जिसके पास टेक्नोलॉजी क्षेत्र में नया करने का आईडिया है और उसके पास इसके लिए फंड नहीं है ऐसे छात्र अगर इस केंद्र में अपना प्रोजेक्ट आइडिया पेश करेंगे तो इस बारे में बनाई गई कमेटी अध्ययन करने के बाद निर्णय करेगी और पहले उसे सारी बेसिक सुविधाएं मुहैया कराएगी तत्पश्चात स्टार्टअप के लिए फंड्र भी दिलाया जाएगा।
इस तरह से इस सेंटर के माध्यम से बुंदेलखंड के छात्रों को नया करने के लिए दिशा मिलेगी और वह अपने आइडिया के माध्यम से कुछ नया कर करने में सफल हो सकते हैं।
कॉलेज के डायरेक्टर प्रोफेसर एसपी शुक्ला ने बताया कि हमारे कॉलेज द्वारा 2019 से लगातार प्रयास किए गए, हमारी जो सुविधाएं हैं उन को देखते हुए यह सेंटर हमें मिला है।इसके आने से बुंदेलखंड वासियों को अपने आइडिया पर काम करने का मौका मिलेगा। यह हमारे लिए बड़े गौरव का पल है।